जब अबशालोम जीवित था, उसने राजा की घाटी में एक स्तम्भ खड़ा किया था। अबशालोम ने कहा, था, “मेरा कोई पुत्र मेरे नाम को चलाने वाला नहीं है।” इसलिये उसने स्तम्भ को अपना नाम दिया। वह स्तम्भ आज भी “अबशालोम का स्मृति—चिन्ह” कहा जाता है।
सर्वशक्तिमान यहोवा ने कहा, “मैं खड़ा होऊँगा और उन लोगों के विरुद्ध लडूँगा। मैं प्रसिद्ध नगर बाबुल को उजाड़ दूँगा। बाबुल के सभी लोगों को मैं नष्ट कर दूँगा। मैं उनकी संतानों, पोते—पोतियों और वंशजों को मिटा दूँगा।” ये सब बातें यहोवा ने स्वयं कही थी।
यहोवा कहता है, “कोन्याह के बारे में यह लिख लो: ‘वह ऐसा व्यक्ति है जिसके भविष्य में अब बच्चे नहीं होंगे। कोन्याह अपने जीवन में सफल नहीं होगा। उसकी सन्तान में से कोई भी यहूदा पर शासन नहीं करेगा।’”