दाऊद ने कहा, “जब बच्चा जीवित रहा, मैंने भोजन करना अस्वीकार किया, और मैं रोया क्योंकि मैंने सोचा, ‘कौन जानता है, संभव है यहोवा मेरे लिये दुःखी हो और बच्चे को जीवित रहने दे।’
एलिय्याह के कथन के पूरा होने पर अहाब बहुत दुःखी हुआ। उसने अपने वस्त्रों को यह दिखाने के लिये फाड़ डाला कि उसे दुःख है। तब उसने शोक के विशेष वस्त्र पहन लिये। अहाब ने खाने से इन्कार कर दिया। वह उन्हीं विशेष वस्त्रों को पहने हुए सोया। अहाब बहुत दुःखी और उदास था।
मैंने जब यरूशलेम के लोगों और नगर परकोटे के बारे मैं वे बातें सुनीं तो में बहुत व्याकुल हो उठा। मैं बैठ गया और चिल्ला उठा। मैं बहुत व्याकुल था। बहुत दिन तक मैं स्वर्ग के परमेश्वर से प्रार्थना करते हुए उपवास करता रहा।
सो, मेरा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा लोगों से उनके मरे हुए मित्रों के लिए विलाप करने और दु:खी होने के लिये कहेगा। लोग अपने सिर मुँड़ा लेंगे और शोक वस्त्र धारण करेंगे।
इसके बाद राजा दारा अपने महल को वापस चला गया। उस रात उसने खाना नहीं खाया। वह नहीं चाहता था कि कोई उसके पास आये और उसका मन बहलाये। राजा सारी रात सो नहीं पाया।
फिर मैं अपने स्वामी परमेश्वर की ओर मुड़ा और उससे प्रार्थना करते हुए सहायता की याचना की। मैंने भोजन करना छोड़ दिया और ऐसे कपड़े पहन लिये जिनसे यह लगे कि मैं दु:खी हूँ। मैंने अपने सिर पर धूल डाल ली।
तब हो सकता है कि परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और उसने जो योजना रच रखी है, वैसी बातें न करे। हो सकता है परमेश्वर की इच्छा बदल जाये और कुपित न हो। तब हो सकता है कि हमें दण्ड न दिया जाये।
जब यहोशू ने इसके बारे में सुना तो उसने अपने वस्त्र फाड़ डाले। वह पवित्र सन्दूक के सामने जमीन पर लेट गया। यहोशू वहाँ शाम तक पड़ा रहा। इस्राएल के नेताओं ने भी यही किया। उन्होंने अपने सिरों पर धूलि डाली।