दाऊद ने दूत से कहा, “तुम्हें योआब से यह कहना है: ‘इस परिणाम से परेशान न हो। हर युद्ध में कुछ लोग मारे जाते हैं यह किसी को नहीं मालूम कि कौन मारा जायेगा। रब्बा नगर पर भीषण आक्रमण करो। तब तुम उस नगर को नष्ट करोगे।’ योआब को इन शब्दों से प्रोत्साहित करो।”
यह सही है कि हम सभी किसी दिन मरेंगे। हम लोग उस पानी की तरह हैं जो भूमि पर फेंका गया है। कोई भी व्यक्ति भूमि से उस पानी को इकट्ठा नहीं कर सकता। किन्तु परमेश्वर माफ करता है। उसके पास उन लोगों के लिए एक योजना है जो अपना घर छोड़ने को विवश किये गए हैं—परमेश्वर उनको अपने से अलग नहीं करता।
किन्तु बहुत से लोग उन कामों को ठीक नहीं समझते थे जिन्हें अदोनिय्याह कर रहा था। वे नहीं समझते थे कि वह राजा होने के योग्य हो गया है। ये लोग याजक सादोक, यहोयादा का पुत्र बनायाह, नातान नबी, शिमी, रेई और राजा दाऊद के विशेष रक्षक थे। इसलिये ये लोग अदोनिय्याह के साथ नहीं हुए।
यहोवा ने यहूदा के निवासी परमेश्वर के एक व्यक्ति (नबी) को यहूदा से बेतेल नगर में जाने का आदेश दिया। राजा यारोबाम उस समय सुगन्धि भेंट करता हुआ वेदी के पास खड़ा था जिस समय परमेश्वर का व्यक्ति (नबी) वहाँ पहुँचा।
किन्तु यहोवा के दूत ने तिशबी एलिय्याह से कहा, “राजा अहज्याह ने शोमरोन से कुछ सन्देशवाहक भेजे हैं। जाओ और इन लोगों से मिलो। उनसे यह कहो, ‘इस्राएल में परमेश्वर है! तो भी तुम लोग एक्रोन के देवता बलाजबूब से प्रश्न करने क्यों जा रहे हो
यशायाह नबी राजा हिजकिय्याह के पास गया और उससे बोला, “ये लोग क्या कह रहे हैं ये लोग कहाँ से आये हैं” हिजकिय्याह ने कहा, “ये लोग दूर देश से मेरे पास आये हैं। ये लोग बाबुल से आये हैं।”