तब एलिय्याह ने अपने सेवक से कहा, “समुद्र की ओर देखो।” सेवक उस स्थान तक गया जहाँ से वह समुद्र को देख सके। तब सेवक लौट कर आया और उसने कहा, “मैं ने कुछ नहीं देखा।” एलिय्याह ने उसे पुन: जाने और देखने को कहा। यह सात बार हुआ।
जब एलिय्याह ने यह सुना तो वह डर गया। अत: वह अपनी जान बचाने के लिये भाग गया। वह अपने साथ अपने सेवक को ले गया। वे बेर्शेबा पहुँचे जो यहूदा में है। एलिय्याह ने अपने सेवक को बेर्शेबा में छोड़ा।
किन्तु यहोशापात ने कहा, “निश्चय ही यहोवा के नबियों में से एक यहाँ है। हम लोग नबी से पूछें कि यहोवा हमें क्या करने के लिये कहता है।” इस्राएल के राजा के सेवकों में से एक ने कहा, “शापात का पुत्र एलीशा यहाँ है। एलीशा, एलिय्याह का सेवक था।”
एलीशा ने अपने सेवक से कहा—अब इस स्त्री से कहो, “देखो हम लोगों की देखभाल के लिये तुमने यथासम्भव अच्छा किया है। हम लोग तुम्हारे लिये क्या करें क्या तुम चाहती हो कि हम लोग तुम्हारे लिये राजा या सेना के सेनापती से बात करें” उस स्त्री ने उत्तर दिया, “मैं यहाँ बहुत अच्छी तरह अपने लोगों में रह रही हूँ।”