2 राजाओं 4:1पवित्र बाइबलनबियों के समूह में से एक व्यक्ति की पत्नी थी। यह व्यक्ति मर गया। उसकी पत्नी ने एलीशा के सामने अपना दुखड़ा रोया, “मेरा पति तुम्हारे सेवक के समान था। अब मेरा पति मर गया है। तुम जानते हो कि वह यहोवा का सम्मान करता था। किन्तु उस पर एक व्यक्ति का कर्ज था और अब वह व्यक्ति मेरे दो लड़कों को अपना दास बनाने के लिये लेने आ रहा है।” अध्याय देखें |
“हम प्रतिज्ञा करते हैं कि सब्त के दिन काम नहीं करेंगे और यदि हमारे आस—पास रहने वाले लोग सब्त के दिन बेचने को अनाज या दूसरी वस्तुएँ लायेंगे तो विश्राम के उस विशेष दिन या किसी भी अन्य विशेष के दिन, उन वस्तुओं को नहीं खरीदेंगे। हर सातवें बरस हम न तो अपनी धरती को जोतेंगे और न बोएंगे, तथा हर सातवें वर्ष चक्र में हम दूसरे लोगों को दिये गये हर कर्ज को माफ़ कर देंगे।
इस सब कुछ को सुन लेने के बाद अब एक अन्तिम बात यह बतानी है कि परमेश्वर का आदर करो और उसके आदेशों पर चलो क्योंकि यह नियम हर व्यक्ति पर लागू होता है। क्योंकि लोग जो करते हैं, उसे यहाँ तक कि उनकी छिपी से छिपी बातों को भी परमेश्वर जानता है। वह उनकी सभी अच्छी बातों और बुरी बातों के विषय में जानता है। मनुष्य जो कुछ भी करते हैं उस प्रत्येक कर्म का वह न्याय करेगा।
यहोवा कहता है, “हे इस्राएल के लोगों, तुम कहा करते थे कि मैंने तुम्हारी माता यरूशलेम को त्याग दिया। किन्तु वह त्यागपत्र कहाँ है जो प्रमाणित कर दे कि मैंने उसे त्यागा है। हे मेरे बच्चों, क्या मुझको किसी का कुछ देना है क्या अपना कोई कर्ज चुकाने के लिये मैंने तुम्हें बेचा है नहीं! देखो जरा, तुम बिके थे इसलिए कि तुमने बुरे काम किये थे। इसलिए तुम्हारी माँ (यरूशलेम) दूर भेजी गई थी।
मैंने तुम्हारे पूर्वजों से कहा, “हर एक सात वर्ष के अन्त में प्रत्येक व्यक्ति को अपने यहूदी दासों को स्वतन्त्र कर देना चाहिये। यदि तुम्हारे यहाँ तुम्हारा ऐसा यहूदी साथी है जो अपने को तुम्हारे हाथ बेच चुका है तो तुम्हें उसे छ: महीने सेवा के बाद स्वतन्त्र कर देना चाहिये।” किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने न तो मेरी सुनी, न ही उस पर ध्यान दिया।