आज भी वे लोग वैसे ही रहते हैं जैसे वे भूतकाल में रहते थे। वे यहोवा का सम्मान नहीं करते थे। वे इस्राएलियों के आदेशों और नियमों का पालन नहीं करते थे। वे उन नियमों या आदेशों का पालन नहीं करते थे जिन्हें यहोवा ने याकूब (इस्राएल) की सन्तानों को दिया था।
इसलिये अब तो वे अन्य राष्ट्र यहोवा का सम्मान करते हैं, किन्तु वे अपनी देवमूर्तियों की भी सेवा करते हैं। उनके पुत्र—पौत्र वही करते हैं, जो उनके पूर्वज करते थे। वे आज तक वही काम करते हैं।
इस्राएली वही सब करने लगे थे जो दूसरे राष्ट्र करते थे। यहोवा ने उन लोगों को अपना देश छोड़ने को विवश किया था जब इस्राएली आए थे। इस्राएलियों ने भी राजाओं से शासित होना पसन्द किया, परमेश्वर से शासित होना नहीं।
एक काला आदमी अपनी चमड़ी का रंग बदल नहीं सकता। और कोई चीता अपने धब्बे नहीं बदल सकता। ओ यरूशलेम, उसी तरह तुम भी बदल नहीं सकते, अच्छा काम नहीं कर सकते। तुम सदैव बुरा काम करते हो।
तुम लोग वहाँ मनुष्यों के बनाए देवताओं की पूजा करोगे, उन चीजों की जो लकड़ी और पत्थर की होंगी जो देख नहीं सकतीं, सुन नहीं सकतीं, खा नहीं सकतीं, सूँघ नहीं सकतीं।