अत: यारोबाम, मैं तुम्हारे परिवार पर विपत्ति लाऊँगा। मैं तुम्हारे परिवार के सभी पुरुषों को मार डालूँगा। मैं तुम्हारे परिवार को पूरी तरह वैसे ही नष्ट कर डालूँगा जैसे आग उपलों को नष्ट करती है।
किन्तु यहोवा इस्राएलियों पर दयालु था। यहोवा को दया आई और वह इस्रालियों की ओर हुआ। क्यों क्योंकि इब्राहीम, इसहाक और याकूब के साथ अपनी वाचा के कारण, यहोवा इस्राएलियों को अभी नष्ट करने के लिये तैयार नहीं था। उसने अभी तक उन्हें अपने से दूर नहीं फेंका था।
तब यहोआहाज ने यहोवा से सहायता के लिये प्रार्थना की और यहोवा ने उसकी प्रार्थना सुनी। यहोवा ने इस्राएल के लोगों के कष्टों और अराम के राजा के उत्पीड़न को देखा था।
इस प्रकार अहाब का सारा परिवार मर जाएगा। मैं अहाब के परिवार के किसी लड़के को जीवित नहीं रहने दूँगा। इसका कोई महत्व नहीं होगा कि वह लड़का दास है या इस्राएल का स्वतन्त्र व्यक्ति है।
परमेश्वर ने उनके कर्मो के लिये जो उन्होंने किये थे उन लोगों के जीवन को कठिन बनाया। उन्होंने ठोकर खाई और वे गिर पड़े, और उन्हें सहारा देने कोई भी नहीं मिला।
तब यहोवा ने कहा, “मैंने उन कष्टों को देखा है जिन्हें मिस्र में हमारे लोगों ने सहा है और मैंने उनका रोना भी सुना है जब मिस्री लोग उन्हें चोट पहुँचाते हैं। मैं उनकी पीड़ा के बारे में जानता हूँ।
“मैंने लोगों से कहा कि तुम लोग अपना जीवन बदलो और अपने देशों की रक्षा करो। मैंने लोगों को दीवारों को दृढ़ करने के लिये कहा। मैं चाहता था कि वे दीवारों के छेदों पर खड़े रहें और अपने नगर की रक्षा करें। किन्तु कोई व्यक्ति सहायता के लिये नहीं आया!
तब इस्राएल के लोगों ने अपने पास के विदेशी देवताओं को फेंक दिया। उन्होंने फिर से यहोवा की उपासना आरम्भ की। इसलिए जब यहोवा ने उन्हें कष्ट उठाते देखा, तब वह उनके लिए दुःखी हुआ।