जो कोई बहुत दूर चला जाता है और मसीह के विषय में दिए गए सच्चे उपदेश में टिका नहीं रहता, वह परमेश्वर को प्राप्त नहीं करता और जो उसकी शिक्षा में बना रहता है, परमपिता और पुत्र दोनों ही उसके पास हैं।
“मेरे परम पिता ने सब कुछ मुझे सौंप दिया और वास्तव में परम पिता के अलावा कोई भी पुत्र को नहीं जानता। और कोई भी पुत्र के अलावा परम पिता को नहीं जानता। और हर वह व्यक्ति परम पिता को जानता है, जिसके लिये पुत्र ने उसे प्रकट करना चाहा है।
“मुझे मेरे पिता द्वारा सब कुछ दिया गया है और पिता के सिवाय कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है और पुत्र के अतिरिक्त कोई नहीं जानता कि पिता कौन है, या उसके सिवा जिसे पुत्र इसे प्रकट करना चाहता है।”
यदि कोई मुझमें नहीं रहता तो वह टूटी शाखा की तरह फेंक दिया जाता है और सूख जाता है। फिर उन्हें बटोर कर आग में झोंक दिया जाता है और उन्हें जला दिया जाता है।
अपनी सम्पन्नता के साथ मसीह का संदेश तुम में वास करे। भजनों, स्तुतियों और आत्मा के गीतों को गाते हुए बड़े विवेक के साथ एक दूसरे को शिक्षा और निर्देश देते रहो। परमेश्वर को मन ही मन धन्यवाद देते हुए गाते रहो।
अतः आओ, मसीह सम्बन्धी आरम्भिक शिक्षा को छोड़ कर हम परिपक्वता की ओर बढ़ें। हमें उन बातों की ओर नहीं बढ़ना चाहिए जिनसे हमने शुरूआत की जैसे मृत्यु की ओर ले जाने वाले कर्मों के लिए मनफिराव, परमेश्वर में विश्वास,
हमने उसे देखा है और सुना है। अब तुम्हें भी उसी का उपदेश दे रहे हैं ताकि तुम भी हमारे साथ सहभागिता रखो। हमारी यह सहभागिता परम पिता और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है।