किन्तु प्रभु का दिन चुपके से चोर की तरह आएगा। उस दिन एक भयंकर गर्जना के साथ आकाश विलीन हो जायेंगे और आकाशीय पिंड आग में जलकर नष्ट हो जायेंगे तथा यह धरती और इस धरती पर की सभी वस्तुएँ जल जाएगी।
यह जगत और आकाश नष्ट हो जायेंगे, किन्तु तू सदा ही जीवित रहेगा! वे वस्त्रों के समान जीर्ण हो जायेंगे। वस्त्रों के समान ही तू उन्हें बदलेगा। वे सभी बदल दिये जायेंगे।
यहोवा ने एक विशेष दिन की योजना बनायी है। उस दिन, यहोवा अहंकारियों और बड़े बोलने वाले लोगों को दण्ड देगा। तब उन अहंकारी लोगों को साधारण बना दिया जायेगा।
आकाश चर्म पत्र के समान लपेट कर मूंद दिये जायेंगे। ग्रह—तारे मर कर किसी अँगूर की बेल या अंजीर के पत्तों के समान गिरने लगेंगे। आकाश के सभी तारे पिघल जायेंगे।
ऊपर आकाशों को देखो। अपने चारों ओर फैली हुई धरती को देखो, आकाश ऐसे लोप हो जायेगा जैसे धुएँ का एक बादल खो जाता है और धरती ऐसे ही बेकार हो जायेगी जैसे पुराने वस्त्र मूल्यहीन होते हैं। धरती के वासी अपने प्राण त्यागेंगे किन्तु मेरी मुक्ति सदा ही बनी रहेगी। मेरी उत्तमता कभी नहीं मिटेगी।
सिय्योन पर नरसिंगा फूँको। मेरे पवित्र पर्वत पर चेतावनी सुनाओ। उन सभी लोगों को जो इस धरती पर रहते हैं, तुम भय से कँपा दो। यहोवा का विशेष दिन आ रहा है। यहोवा का विशेष दिन पास ही आ पहुँचा है।
यहोवा कहता है, “वह समय आ रहा है, जब हर प्रकार का भोजन बहुतायत में होगा। अभी लोग पूरी तरह फसल काट भी नहीं पाये होंगे कि जुताई का समय आ जायेगा। लोग अभी अंगूरों का रस निकाल ही रहे होंगे कि अंगूरों की रूपाई का समय फिर आ पहुँचेगा। पर्वतों से दाखमधु की धार बहेगी और वह पहाड़ियों से बरसेगी।
मेरे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा, उस प्रदेश को छुएगा और वह पिघल जाएगा तब उस देश के सभी निवासी मृतको के लिये रोएंगे। यह प्रदेश मिस्र की नील नदी की तरह ऊपर उठेगा और नीचे गिरेगा।
यहोवा का आगमन होगा और पर्वत भय से काँपेंगे और ये पहाड़ियाँ पिघलकर बह जायेंगी। यहोवा का आगमन होगा और यह धरती भय से काँप उठेगी। यहजगत और जो कुछ इसमें है जो जीवित है, भय से काँपेगा।
क्योंकि जब ये सभी वस्तुएँ इस प्रकार नष्ट होने को जा रही हैं तो सोचो तुम्हें किस प्रकार का बनना चाहिए? तुम्हें पवित्र जीवन जीना चाहिए, पवित्र जीवन जो परमेश्वर को अर्पित है तथा हर प्रकार के उत्तम कर्म करने चाहिए।
और तुम्हें परमेश्वर के दिन की बाट जोहनी चाहिए और उस दिन को लाने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। उस दिन के आते ही आकाश लपटों में जल कर नष्ट हो जाएगा और आकाशीय पिण्ड उस ताप से पिघल उठेंगे।
किन्तु यह आकाश और यह धरती जो आज अपने अस्तित्व में हैं, उसी आदेश के द्वारा अग्नि के द्वारा नष्ट होने के लिए सुरक्षित हैं। इन्हें उस दिन के लिए रखा जा रहा है जब अधर्मी लोगों का न्याय होगा और वे नष्ट कर दिए जायेंगे।
मैं तुम्हें यह भी याद दिलाना चाहता हूँ कि जो दूत अपनी प्रभु सत्ता को बनाए नहीं रख सके, बल्कि जिन्होंने अपने निजी निवास को उस भीषण दिन के न्याय के लिए अंधकार में जो सदा के लिए हैं बन्धनों मे रखा है।
“सावधान! मैं दबे पाँव आकर तुम्हें अचरज में डाल दूँगा। वह धन्य है जो जागता रहता है, और अपने वस्त्रों को अपने साथ रखता है ताकि वह नंगा न फिरे और लोग उसे लज्जित होते न देखें।”
सो जिस उपदेश को तूने सुना है और प्राप्त किया है, उसे याद कर। उसी पर चल और मनफिराव कर। यदि तू जागा नहीं तो अचानक चोर के समान मैं चला आऊँगा। मैं तुझे कब अचरज में डाल दूँ, तुझे पता भी नहीं चल पाएगा।