फिर लोग चट्टानों की गुफाओं में छुप जायेंगे। वे यहोवा और उसकी महान शक्ति से डरकर ऐसा करेंगे। ऐसा उस समय घटित होगा जब यहोवा धरती को हिलाने के लिये खड़ा होगा। इस्राएल को परमेश्वर का विश्वास करना चाहिये।
सिय्योन में पापी डरे हुए हैं। वे लोग जो बुरे काम किया करते हैं, डर से थर—थऱ काँप रहे हैं। वे कहते हैं, “क्या इस विनाशकारी आग से हम में से कोई बच सकता है कौन रह सकता है इस आग के निकट जो सदा—सदा के लिये जलती रहती है”
“ये लोग मेरी पवित्र नगरी में होंगे और यदि कभी वे नगर से बाहर जायेंगे, तो उन्हें उन लोगों की लाशें दिखाई देंगी जिन्होंने मेरे विरूद्ध पाप किये हैं। उन लाशों में कीड़े पड़े हुए होंगे और वे कीड़े कभी नहीं मरेंगे। उन देहों को आग जला डालेगी और वह आग कभी समाप्त नहीं होगी।”
धरती के वे असंख्य लोग जो मर चुके हैं और जिन्हें दफ़नाया जा चुका है, उठ खड़े होंगे और उनमें से कुछ अन्नत जीवन जीने के लिए उठ जायेंगे। किन्तु कुछ इसलिये जागेंगे कि उन्हें कभी नहीं समाप्त होने वाली लज्जा और घृणा प्राप्त होगी।
“उस समय मनुष्य के पुत्र के आने का संकेत आकाश में प्रकट होगा। तब पृथ्वी पर सभी जातियों के लोग विलाप करेंगे और वे मनुष्य के पुत्र को शक्ति और महिमा के साथ स्वर्ग के बादलों में प्रकट होते देखेंगे।
“फिर वह राजा अपनी बाँई ओर वालों से कहेगा, ‘अरे अभागो! मेरे पास से चले जाओ, और जो आग शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गयी है, उस अनंत आग में जा गिरो।
मनुष्य का पुत्र तो जायेगा ही, जैसा कि उसके बारे में शास्त्र में लिखा है। पर उस व्यक्ति को धिक्कार है जिस व्यक्ति के द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जा रहा है। उस व्यक्ति के लिये कितना अच्छा होता कि उसका जन्म ही न हुआ होता।”
इसके बाद यीशु ने उस व्यक्ति को मन्दिर में देखा और उससे कहा, “देखो, अब तुम नीरोग हो, इसलिये पाप करना बन्द कर दो। नहीं तो कोई और बड़ा कष्ट तुम पर आ सकता है।” फिर वह व्यक्ति चला गया।
मूसा ने कहा: “यहोवा सीनै से आया, यहोवा सेईर पर प्रातःकालीन प्रकाश सा था। वह पारान पर्वत से ज्योतित प्रकाश—सम था। यहोवा दस सहस्त्र पवित्र लोगों (स्वर्गदूतों) के साथ आया। उसकी दांयी ओर बलिष्ठ सैनिक थे।
जब लोग कह रहे होंगे कि “सब कुछ शांत और सुरक्षित है” तभी जैसे एक गर्भवती स्त्री को अचानक प्रसव वेदना आ घेरती है वैसे ही उन पर विनाश उतर आयेगा और वे कहीं बच कर भाग नहीं पायेंगे।
तब ही वह व्यवस्थाहीन प्रकट होगा। जब प्रभु यीशु अपनी महिमा में फिर प्रकट होगा वह इसे मार डालेगा तथा अपने पुनः आगमन के अवसर पर अपनी उपस्थिति से उसे नष्ट कर देगा।
सोचो, वह मनुष्य कितने अधिक कड़े दण्ड का पात्र है, जिसने अपने पैरों तले परमेश्वर के पुत्र को कुचला, जिसने वाचा के उस लहू को, जिसने उसेपवित्र किया था, एक अपवित्र वस्तु माना और जिसने अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया।
किन्तु यह आकाश और यह धरती जो आज अपने अस्तित्व में हैं, उसी आदेश के द्वारा अग्नि के द्वारा नष्ट होने के लिए सुरक्षित हैं। इन्हें उस दिन के लिए रखा जा रहा है जब अधर्मी लोगों का न्याय होगा और वे नष्ट कर दिए जायेंगे।
वे समुद्र की ऐसी भयानक लहरें हैं, जो अपने लज्जापूर्ण कार्यों का झाग उगलती रहती हैं। वे इधर-उधर भटकते ऐसे तारे हैं जिनके लिए अनन्त गहन अंधकार सुनिश्चित कर दिया गया है।
किन्तु कायरों अविश्वासियों, दुर्बुद्धियों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादूटोना करने वालों मूर्तिपूजकों और सभी झूठ बोलने वालों को भभकती गंधक की जलती झील में अपना हिस्सा बँटाना होगा। यही दूसरी मृत्यु है।”