तुम मेरे लोग इस्राएल के विरुद्ध लड़ने आओगे। तुम देश को गरजते मेघ की तरह ढकने वाले होगे। मैं बाद में, अपने देश के विरुद्ध लड़ने के लिये तुम्हें लाऊँगा। तब गोग, राष्ट्र जानेंगे कि मैं कितना शक्तिशाली हूँ। वे मेरा सम्मान करेंगे और समझेंगे कि मैं पवित्र हूँ। वे देखेंगे कि मैं तुम्हारे विरुद्ध क्या करूँगा!’”
“उत्तर का राजा जो चाहेगा, सो करेगा। वह अपने बारे में डींग हांकेगा। वह आत्म प्रशंसा करेगा और सोचेगा कि वह किसी देवता से भी अच्छा है। वह ऐसी बातें करेगा जो किसी ने कभी सुनी तक न होंगी। वह देवताओं का परमेश्वर के विरोध में ऐसी बातें करेगा। वह उस समय तक कामयाब होता चला जायेगा जब तक वे सभी बुरी बातें घट नहीं जाती। किन्तु परमेश्वर ने योजना रची है, वह तो पूरी होगी ही।
वह व्यक्ति जिसने सन के वस्त्र धारण किये हुए थे और जो नदी के जल के बहाव के विरूद्ध खड़ा हुआ था, उसने अपना दाहिना और बायां—दोनों हाथ आकाश की ओर उठाये। मैंने उस व्यक्ति को अमर परमेश्वर के नाम का प्रयोग करके एक शपथ बोलते हुए सुना। उसने कहा, “यह साढ़े तीन साल तक घटेगा। पवित्र जन की शक्ति टूट जायेगी और फिर ये सभी बाते अंतिम रूप से समाप्त हो जाएँगी।”