क्यों क्योंकि वे पुराने कपड़ों के समान होंगे और उनको कीड़े खा जायेंगे। वे ऊन के जैसे होंगे और उन्हें कीड़े चाट जायेंगे, किन्तु मेरा खरापन सदैव ही बना रहेगा और मेरी मुक्ति निरन्तर बनी रहेगी।”
वह परमेश्वर ही बोने वाले को बीज और खाने वाले को भोजन सुलभ कराता है। वहाँ तुम्हें बीज देगा और उसकी बढ़वार करेगा, उसी से तुम्हारे धर्म की खेती फूलेगी फलेगी।