हममें से वे जो इस तम्बू यानी भौतिक शरीर में स्थित हैं, बोझ से दबे कराह रहे हैं। कारण यह है कि हम इन वस्त्रों को त्यागना नहीं चाहते बल्कि उनके ही ऊपर उन्हें धारण करना चाहते हैं ताकि जो कुछ नाशवान है, उसे अनन्त जीवन निगल ले।
“सावधान! मैं दबे पाँव आकर तुम्हें अचरज में डाल दूँगा। वह धन्य है जो जागता रहता है, और अपने वस्त्रों को अपने साथ रखता है ताकि वह नंगा न फिरे और लोग उसे लज्जित होते न देखें।”
मैं तुझे सलाह देता हूँ कि तू मुझसे आग में तपाया हुआ सोना मोल ले ले ताकि तू सचमुच धनवान हो जाए। पहनने के लिए श्वेत वस्त्र भी मोल ले ले ताकि तेरी लज्जापूर्ण नग्नता का तमाशा न बने। अपने नेत्रों में आँजने के लिए तू अंजन भी ले ले ताकि तू देख पाए।