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क्रॉस रेफरेंस
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2 कुरिन्थियों 1:10

पवित्र बाइबल

हमें उस भयानक मृत्यु से उसी ने बचाया और हमारी वर्तमान परिस्थितियों में भी वही हमें बचाता रहेगा। हमारी आशा उसी पर टिकी है। वही हमें आगे भी बचाएगा।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

14 क्रॉस रेफरेंस  

सम्भव है सज्जन भी विपत्तियों में घिर जाए। किन्तु यहोवा उन सज्जनों की उनकी हर समस्या से रक्षा करेगा।

“याकूब के परिवार, मेरी सुन! हे इस्राएल के लोगों जो अभी जीवित हो, सुनो! मैं तुम्हें तब से धारण किए हूँ जब अभी तुम माता के गर्भ में ही थे।

यदि हमारा परमेश्वर जिसकी हम उपासना करते हैं, उसका अस्तित्व है तो वह इस जलती हुई भट्टी से हमें बचा लेने में समर्थ है। सो अरे ओ राजा, वह हमें तेरी ताकत से बचा लेगा।

सो राजा दारा ने आदेश दे दिया। वे लोग दानिय्येल को पकड़ लाये और उसे शेरों की मांद में फेंक दिया। राजा ने दानिय्येल से कहा, “मुझे आशा है कि तू जिस परमेश्वर की सदा उपासना करता है, वह तेरी रक्षा करेगा।”

“इसी कारण जब मैं यहाँ मन्दिर में था, यहूदियों ने मुझे पकड़ लिया और मेरी हत्या का यत्न किया।

कि मैं यहूदियों में अविश्वासियों से बचा रहूँ और यरूशलेम के प्रति मेरी सेवा को परमेश्वर के पवित्र जन स्वीकार करें।

हाँ अपने-अपने मन में हमें ऐसा लगता था जैसे हमें मृत्युदण्ड दिया जा चुका है ताकि हम अपने आप पर और अधिक भरोसा न रख कर उस परमेश्वर पर भरोसा करें जो मरे हुए को भी फिर से जिला देता है।

हमें गुमनाम समझा जाता है, जबकि हमें सभी जानते हैं। हमें मरते हुओं सा जाना जाता है, पर देखो हम तो जीवित हैं। हमें दण्ड भोगते हुओं सा जाना जाता है, तब भी देखो हम मृत्यु को नहीं सौंपे जा रहे हैं।

और हम लोग इसलिए कठिन परिश्रम करते हुए जूझते रहते हैं। हमने अपनी आशाएँ सबके, विशेष कर विश्वासियों के, उद्धारकर्त्ता सजीव परमेश्वर पर टिका दी हैं।

मेरे पक्ष में तो प्रभु ने खड़े होकर मुझे शक्ति दी। ताकि मेरे द्वारा सुसमाचार का भरपूर प्रचार हो सके, जिसे सभी ग़ैर यहूदी सुन पायें। सिंह के मुँह से मुझे बचा लिया गया है।

इस प्रकार प्रभु जानता है कि भक्तों को न्याय के दिन तक कैसे बचाया जाता है और दुष्टों को दण्ड के लिए कैसे रखा जाता है।

यहोवा ने मुझे शेर और रीछ से बचाया है। यहोवा इस पलिश्ती गोलियत से भी मेरी रक्षा करेगा।” शाऊल ने दाऊद से कहा, “जाओ यहोवा तुम्हारे साथ हो।”

इसके बाद, शमूएल ने एक विशेष पत्थर स्थापित किया। उसने यह इसलिऐ किया कि लोग याद रखें कि परमेश्वर ने क्या किया। शमूएल ने पत्थर को मिस्पा और शेन के बीच रखा। शमूएल ने पत्थर का नाम “सहायता का पत्थर” रखा। शमूएल ने कहा, “यहोवा ने लगातार पूरे रास्ते इस स्थान तक हमारी सहायता की।”




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