जो कुछ भी शीबा देश की रानी ने राजा सुलैमान से माँगा, वह उसने दिया। जो उसने दिया, वह उससे अधिक था जो वह राजा सुलैमान के लिये लाई थी। तत्तपश्चात् वह अपने सेवक, सेविकाओं के साथ विदा हुई। वह अपने देश लौट गई।
तब राजा सुलैमान ने शीबा की रानी को वे भेंटें दीं जो कोई राजा किसी अन्य देश के शासक को सदैव देता है। तब उसने उसे वह सब दिया जो कुछ भी उसने माँगा। उसके बाद रानी सेवकों सहित अपने देश को वापस लौट गई।
राजा सुलैमान ने यहोवा के मन्दिर एवं महल की सीढ़ियों के लिये चन्दन की लकड़ी का उपयोग किया। सुलैमान ने चन्दन की लकड़ी का उपयोग गायकों के लिये वीणा और तम्बूरा बनाने के लिये भी किया। यहूदा देश में चन्दन की लकड़ी से बनी उन जैसी सुन्दर चीज़ें किसी ने कभी देखी नहीं थीं।