सुलैमामन ने सत्तर हज़ार बाहरी लोगों को चीज़ें ढोने के लिये चुना। सुलैमान ने अस्सी हजार बाहरी लोगों को पर्वतों में पत्थर काटने के लिए चुना और सुलैमान ने तीन हज़ार छः सौ बाहरी लोगों को काम पर लगाये रखने के लिए निरीक्षक रखा।
सुलैमान दाऊद के नगर से फिरौन की पुत्री को उस महल में लाया जिसे उसने उसके लिये बनाया था। सुलैमान ने कहा, “मेरी पत्नी राजा दाऊद के महल में नहीं रह सकती क्योंकि जिन स्थानों पर साक्षीपत्र का सन्दूक रहा हो, वे स्थान पवित्र हैं।”
सुलैमान ने इस्राएल के किसी भी व्यक्ति को दास मजदूर बनने को विवश नहीं किया। इस्राएल के लोग सुलैमान के योद्धा थे। वे सुलैमान की सेना के सेनापति और अधिकारी थे। वे सुलैमान के रथों के सेनापति और सारथियों के सेनापति थे