“जब तू अपने लोगों को किसी स्थान पर उनके शत्रुओं के साथ लड़ने के लिये भेजे और वे इस नगर की ओर देखकर प्रार्थना करें, जिसे तूने चुना है तथा इस मन्दिर की ओर देखें जिसे मैंने तेरे नाम पर बनाया है।
“लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे—कोई ऐसा व्यक्ति नहीं जो पाप न करता हो और तू उन पर क्रोधित होगा। तू किसी शत्रु को उन्हें हराने देगा और उनसे पकड़े जाने देगा तथा बहुत दूर या निकट के देश में जाने पर मजबूर किये जाने देगा।
जिन पापों को उन्होंने किया है उन्ही से वे बड़े और मोटे हुए हैं। जिन बुरे कामों को वे करते हैं उनका कोई अन्त नहीं। वे अनाथ बच्चों के मामले के पक्ष में बहस नहीं करेंगे, वे अनाथों की सहायता नहीं करेंगे। वे गरीब लोगों को उचित न्याय नहीं पानें देंगे।