तो तू उनकी स्वर्ग से सुन। स्वर्ग वही है जहाँ तू है। सुन और क्षमा कर। हर एक व्यक्ति को वह दे जो उसे मिलना चाहिये क्योंकि तू जानता है कि हर एक व्यक्ति के हृदय में क्या है। केवल तू ही जानता है कि व्यक्ति के हृदय में क्या है।
“कोई ऐसा अजनबी हो सकता है जो इस्राएल के लोगों में से न हो, किन्तु वह उस देश से आया हो जो बहुत दूर हो और वह अजनबी तेरी प्रतिष्ठा, तेरी असीम शक्ति और तेरी दण्ड देने की क्षमता के कारण आया हो। जब वह व्यक्ति आए और इस मन्दिर को देखता हुआ प्रार्थना करे
इस प्रकार समूचे यहूदिया, गलील और सामरिया के कलीसिया का वह समय शांति से बीता। वह कलीसिया और अधिक शक्तिशाली होने लगी। क्योंकि वह प्रभु से डर कर अपना जीवन व्यतीत करती थी, और पवित्र आत्मा ने उसे और अधिक प्रोत्साहित किया था सो उसकी संख्या बढ़ने लगी।
किन्तु तुम्हें भी यहोवा का सम्मान करते रहना चाहिये। तुम्हें पूरे हृदय से यहोवा की सेवा सच्चाई के साथ करनी चाहिये। उन अद्भुत कामों को याद रखो जिन्हें उसने तुम्हारे लिये किये।