बल्लियाँ इतनी लम्बी थीं कि सर्वाधिक पवित्र स्थान के सामने से उनके सिरे देखे जा सकें। किन्तु कोई व्यक्ति मन्दिर के बाहर से बल्लियों को नहीं देख सकता था। बल्लियाँ, अब तक आज भी वहाँ हैं।
साक्षीपत्र के सन्दूक के स्थान के ऊपर करूबों के पंख फैले हुये थे, करूब (स्वर्गदूत) साक्षीपत्र के सन्दूक के ऊपर खड़े थे। बल्लियाँ सन्दूक को लेजा ने में प्रयोग होती थीं।