नबूकदनेस्सर इसके बाद भी जीवित बचे लोगों को, बाबुल ले गया और उन्हें दास होने को विवश किया। वे लोग बाबेल में दास की तरह तब तक रहे जब तक फारस के सम्राट ने बाबेल के राज्य को पराजित नहीं किया।
और नबूजरदान ने उन सभी लोगों को पकड़ा जो तब तक नगर में बचे रह गए थे। नबूजरदान ने सभी लोगों को बन्दी बना लिया और उन्हें भी जिन्होंने आत्मसमपर्ण करने की कोशिश की।
यह तब पहले वर्ष हुआ जब फारस का राजा कुस्रू शासन कर रहा था। यहोवा ने यिर्मयाह नबी के माध्यम से जो वचन दिये वे सत्य घटित हुए। यहोवा ने कुस्रू के हृदय को कोमल बनाया जिससे उसने आदेश लिखा और अपने राज्य में हर एक स्थान पर भेजा:
ये राज्य के वे व्यक्ति हैं जो बन्धुवाई से लौट कर आये। बीते समय में बाबेल का राजा नबूकदनेस्सर उन लोगों को बन्दी के रूप में बाबेल लाया था। ये लोग यरूशलेम और यहूदा को वापस आए। हर एक व्यक्ति यहूदा में अपने—अपने नगर को वापस गया।
किन्तु हमारे पूर्वजों ने स्वर्ग के परमेश्वर को क्रोधित किया। इसलिये परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर को दिया। नबूकदनेस्सर ने इस मन्दिर को नष्ट किया और उसने लोगों को बन्दी के रूप में बाबेल जाने को विवश किया।
“मैंने अपने लोगों पर क्रोध किया था। ये लोग मेरे अपने थे, किन्तु मैं क्रोधित था, इसलिए मैंने उनको अपमानित किया। मैंने उन्हें तुझको दे दिया, और तूने उन्हें दण्ड दिया। तूने उन पर कोई करूणा नहीं दर्शायी और तूने उन बूढ़ों पर भी बहुत कठिन काम का जुआ लाद दिया।
सिय्योन की पुत्री, तू पीड़ा को झेल। तू उस स्त्री जैसी हो जो प्रसव की घड़ी में बिलखती है। क्योंकि अब तुझको नगर (यरूशलेम) त्यागना है। तुझको खुले मैदान में रहना है। तुझे बाबुल जाना पड़ेगा किन्तु उस स्थान से तेरी रक्षा हो जायेगी। यहोवा वहाँ जायेगा और वह तुझको तेरे शत्रुओं से वापस ले आयेगा।