शापान उस पुस्तक को राजा योशिय्याह के पास लाया। शापान ने राजा को सूचना दी, “तुम्हारे सेवक हर काम कर रहे हैं जो तुमने करने को कहा है।
हिल्किय्याह ने सचिव शापान से कहा, “मैंने यहोवा के मन्दिर में व्यवस्था की पुस्तक पाई है!” हिल्कय्याह ने शापान को पुस्तक दी।
उन्होंने यहोवा के मन्दिर से धन को निकाला और उसे निरीक्षकों एवं मज़दूरों को दे रहे हैं।”
मीकायाह ने उन अधिकारियों से वह सब कहा जो उसने बारुक को पत्रक से पढ़ते सुना था।