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क्रॉस रेफरेंस
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2 इतिहास 33:4

पवित्र बाइबल

मनश्शे ने यहोवा के मन्दिर में असत्य देवताओं के लिये वेदियाँ बनाईं। यहोवा ने मन्दिर के बारे में कहा था, “मेरा नाम यरूशलेम में सदैव रहेगा।”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

17 क्रॉस रेफरेंस  

वह मेरे नाम पर मेरा एक गृह (मन्दिर) बनवायेगा। मैं उसके राज्य को सदा के लिये शक्तिशाली बनाऊँगा।

बीते समय में तूने कहा था, ‘मेरा वहाँ सम्मान किया जायेगा।’ इसलिये कृपया इस मन्दिर की देख रेख दिन—रात कर। उस प्रार्थना को तू स्वीकार कर, जिसे मैं तुझसे इस समय मन्दिर में कह रहा हूँ।

यहोवा ने उससे कहा: “मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी। मैंने तुम्हारे निवेदन भी सुने जो तुम मुझसे करवाना चाहते हो। तुमने इस मन्दिर को बनाया और मैंने इसे एक पवित्र स्थान बनाया है। अतः यहाँ मेरा सदैव सम्मान होगा। मैं इस पर अपनी दृष्टि रखूँगा और इसके विषय में सदैव ध्यान रखूँगा।

तब याजक ऊरिय्याह ने राजा आहाज द्वारा दमिश्क से भेजे गए नमूने के समान ही एक वेदी बनाई। याजक ऊरिय्याह ने इस प्रकार की वेदी राजा आहाज के दमिश्क से लौटने के पहले बनाई।

याजक ऊरिय्याह ने वह सब किया जिसे करने के लिये राजा आहाज ने आदेश दिये।

आहाज ने यहोवा के मन्दिर से चीज़ें इकट्ठी कीं और उनके टुकड़े कर दिये। तब उसने यहोवा के मन्दिर का द्वार बन्द कर दिया। उसने वेदियाँ बनाईं और यरूशलेम में सड़क के हर मोड़ पर उन्हें रखा।

उन सेवकों ने उन देवताओं के विरुद्ध बुरी बातें कहीं जिनकी पूजा संसार के लोग करते थे। वे देवता सिर्फ ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें मनुष्यों ने अपने हाथ से बनाया है। इस प्रकार उन सेवकों ने वे ही बुरी बातें यरूशलेम के परमेश्वर के विरुद्ध कहीं।

मनश्शे ने विचित्र देवमूर्तियों को हटाया। उसने यहोवा के मन्दिर से देवमूर्ति को बाहर किया। उसने उन सभी वेदियों को हटाया जिन्हें उसने मन्दिर की पहाड़ी पर और यरूशलेम में बनाया था। मनश्शे ने उन सभी वेदियों को यरूशलेम नगर से बाहर फेंका।

उसने एक देवता की मूर्ति बनाई और उसे परमेश्वर के मन्दिर में रखा। परमेश्वर ने दाऊद और उसके पुत्र सुलैमान से मन्दिर के बारे में कहा था, “मैं इस भवन तथा यरूशलेम में अपना नाम सदा के लिये अंकित करता हूँ। मैंने यरूशलेम को इस्राएल के सभी परिवार समूहों में से चुना।

उन्होंने बढ़ईयों और राजगीरों को पहले से कटी बड़ी चट्टानों को खरीदने के लिये और लकड़ी खरीदने के लिये धन दिया। लकड़ी का उपयोग भवनों को फिर से बनाने और भवन के शहतीरों के लिये किया गया। भूतकाल में यहूदा के राजा मन्दिरों की देखभाल नहीं करते थे। वे भवन पुराने और खंडहर हो गए थे।

‘जब से मैं अपने लोगों को मिस्र से बाहर लाया तब से अब तक मैंने इस्राएल के किसी परिवार समूह से कोई नगर नहीं चुना है, जहाँ मेरे नाम का एक भवन बने। मैंने अपने निज लोगों इस्राएलियों पर शासन करने के लिये भी किसी व्यक्ति को नहीं चुना है।

किन्तु अब मैंने यरूशलेम को अपने नाम के लिये चुना है और मैंने दाऊद को अपने इस्राएली लोगों का नेतृत्व करने के लिये चुना है।’

मैंने इस मन्दिर को चुना है और मैंने इसे पवित्र किया है जिससे मेरा नाम यहाँ सदैव रहे। हाँ, मेरी आँखें और मेरा हृदय इस मन्दिर में सदा रहेगा।

ये करो क्योंकि मैंने यहूदा के लोगों को पाप करते देखा है।” यह सन्देश यहोवा का है। “उन्होंने अपनी देवमूर्तियाँ स्थापित की हैं और मैं उन देवमूर्तियों से घृणा करता हूँ। उन्होंने देवमूर्तियों को उस मन्दिर में स्थापित किया है जो मेरे नाम से है। उन्होंने मेरे मन्दिर को ‘गन्दा’ कर दिया है।

तब यहोवा अपने लिये विशेष स्थान चुनेगा वह वहाँ अपना नाम प्रतिष्ठित करेगा और तुम उन सभी चीजों को वहीं लाओगे जिनके लिए मैं आदेश दे रहा हूँ। वहीं तुम अपनी होमबलि, अपनी बलियाँ, दशमांश, अपनी विशेष भेंट, यहोवा को वचन दी गई भेंट, अपनी स्वेच्छा भेंट और अपने मवेशियों के झुण्ड एवं रेवड़ का पहलौठा बच्चा लाओ।




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