मनश्शे ने कैसे प्रार्थना की और परमेश्वर ने वह कैसे सुनी और उस पर दया की, यह दृष्टाओं की पुस्तक में लिखा है। मनश्शे के सभी पाप और बुराईयाँ जो उसने स्वयं को विनम्र करने से पूर्व कीं और वे स्थान जहाँ उसने उच्च स्थान बनाए और अशेरा—स्तम्भ खड़े किये, दृष्टाओं की पुस्तक में लिखे हैं।
सिदकिय्याह ने वह नहीं किया जिसे उसका यहोवा परमेश्वर चाहता था कि वह करे। सिदकिय्याह ने अपने यहोवा के विरुद्ध पाप किये। यिर्मयाह नबी ने यहोवा की ओर से सन्देश दिये किन्तु उसने अपने को विनम्र नहीं बनाया औऱ यिर्मयाह नबी ने जो कहा उसका पालन नहीं किया।
उन लोगों को अपने किये बुरे कामों के लिये लज्जित होना चाहिये। किन्तु वे बिल्कुल लज्जित नहीं। उन्हें इतना भी ज्ञान नहीं कि उन्हें अपने पापों के लिये ग्लानि हो सके अत: वे अन्य सभी के साथ दण्ड पायेंगे। मैं उन्हें दण्ड दूँगा और जमीन पर फेंक दूँगा।’” ये बातें यहोवा ने कहीं।