याकूब ने इस स्थान पर एक विशेष चट्टान खड़ी की। याकूब ने उस पर दाखरस और तेल चढ़ाकर उस चट्टान को पवित्र बनाया। वह एक विशेष स्थान था क्योंकि परमेश्वर ने वहाँ याकूब से बात की थी और याकूब ने उस स्थान का नाम बेतेल रखा।
तब उन्होंने यरूशलेम में मन्दिर में सेवा करने के लिये याजकों और लेवीवंशियों के समूह बनाये। यह सब उन्होंने उसी प्रकार किया जिस प्रकार मूसा की पुस्तक में बताया गया है।
तुम्हें चार क्वार्ट अच्छे जैतून के तेल मिले आटे की अन्नबलि देनी चाहिए। तुम्हें एक क्वार्ट दाखमधु भी देनी चाहिए। यह भेंट यहोवा को प्रसन्न करने वाली सुगन्ध होगी।