आहाज ने यहोवा के मन्दिर से चीज़ें इकट्ठी कीं और उनके टुकड़े कर दिये। तब उसने यहोवा के मन्दिर का द्वार बन्द कर दिया। उसने वेदियाँ बनाईं और यरूशलेम में सड़क के हर मोड़ पर उन्हें रखा।
आहाज ने यहूदा के हर नगर में अन्य देवताओं की पूजा के लिये उच्च स्थान सुगन्धि जलाने के लिये बनाए। आहाज ने यहोवा, परमेश्वर को बहुत क्रोधित कर दिया जिसकी आज्ञा का पालन उसके पूर्वज करते थे।
उन दिनों जब आहाज राजा था उसने परमेश्वर के प्रति विरोध किया। उसने बहुत सी चीज़ें फेंक दी थीं। जो मन्दिर में थीं। किन्तु हम लोगों ने फिर उन चीज़ों को रख दिया है औऱ उन्हें पवित्र कार्य के लिये तैयार कर दिया है। वे अब यहोवा की वेदी के सामने हैं।”
हिजकिय्याह ने यहोवा के मन्दिर के दरवाजों को जोड़ा और उन्हें मजबूत किया। हिजकिय्याह ने मन्दिर को फिर खोला। उसने राजा होने के बाद, वर्ष के पहले महीन में यह किया।
उन्होंने मन्दिर के स्वागत—कक्ष के दरवाजे को बन्द कर दिया और दीपकों को बुझा दिया। उन्होंने सुगन्धि का जलाना और इस्राएल के परमेश्वर को पवित्र स्थान में होमबलि भेंट करना बन्द कर दिया।
उन लोगों ने यरूशलेम में असत्य देवताओं की वेदियों को हटा दिया। उन्होंने असत्य देवताओं के लिये सुगन्धि भेंट की वेदियों को भी हटा दिया। उन्होंने उन वेदियों को किद्रोन की घाटी में फेंक दिया।
उन देवमूर्तियों को आने और तुमको बचाने दो! वे देवमूर्तियाँ कहाँ हैं जिसे तुमने अपने लिये बनाया है हमें देखने दो, क्या वे मूर्तियाँ आती हैं और तुम्हारी रक्षा विपत्ति से करती हैं यहूदा के लोगों, तुम लोगों के पास उतनी मूर्तियाँ हैं जितने नगर।
किन्तु गिलाद में फिर भी पाप है। वहाँ व्यर्थ की अनेक वस्तुएँ हैं। गिलाद में लोग बैलों की बलियाँ अर्पित करते हैं। उनकी बहुत सी वेदियाँ इस प्रकार की हैं, जैसे जुते हुए खेत में मिट्टी की पंक्तियाँ हो।
घूमते फिरते तुम्हारी उपासना की वस्तुओं को देखते हुए मुझे एक ऐसी वेदी भी मिली जिस पर लिखा था, ‘अज्ञात परमेश्वर’ के लिये सो तुम बिना जाने ही जिस की उपासना करते हो, मैं तुम्हें उसी का वचन सुनाता हूँ।