आहाज बीस वर्ष का था, जब वह राजा हुआ। उसने यरूशलेम में सोलह वर्ष तक राज्य किया। आहाज अपने पूर्वज दाऊद की तरह सच्चाई से नहीं रहा। आहाज ने वह नहीं किया जो कुछ यहोवा चाहता था कि वह करे।
योताम ने वह किया, जो यहोवा उससे करवाना चाहता था। उसने परमेश्वर की आज्ञा का पालन वैसे ही किया जैसे उसके पिता उज्जिय्याह ने किया था। किन्तु योताम यहोवा के मन्दिर में सुगन्धि जलाने के लिये उसी प्रकार नहीं घुसा जैसे उसका पिता घुसा था। किन्तु लोगों ने पाप करना जारी रखा।
यहोवा ने यहूदा को कष्ट दिया क्योंकि यहूदा के राजा आहाज ने यहूदा के लोगों को पाप करने के लिये प्रोत्साहित किया। वह यहोवा के प्रति बहुत अधिक अविश्वास योग्य था।
यह आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन है। यहूदा और यरूशलेम में जो घटने वाला था, उसे परमेश्वर ने यशायाह को दिखाया। यशायाह ने इन बातों को उज्जिय्याह, योताम, आहाज और हिजकिय्याह के समय में देखा था। ये यहूदा के राजा थे।
यह यहोवा का वह सन्देश है, जो बेरी के पुत्र होशे के द्वारा प्राप्त हुआ। यह सन्देश उस समय आया था जब यहूदा में उज्जियाह, योताम, आहाज और हिजकिय्याह का राज्य था। यह उन दिनों की बात है जब इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम का समय था।
यहोवा का वह वचन जो राजा योताम, आहाज और हिजकिय्याह के समय में मीका को प्राप्त हुआ। ये पुरूष यहूदा के राजा थे। मीका मोरेशेती से था। मीका ने शोमरोन और यरूशलेम के बारे में ये दर्शन देखे।