राजा उज्जिय्याह मृत्यु पर्यन्त कोढ़ी था। वह यहोवा के मन्दिर में प्रवेश नहीं कर सकता था। उज्जिय्याह के पुत्र योताम ने राजमहल को व्यवस्थित रखा औऱ लोगों का प्रशासक बना।
प्रमुख याजक अजर्याह औऱ सभी याजकों ने उज्जिय्याह को देखा। वे उसके ललाट पर कुष्ठ देख सकते थे। याजकों ने शीघ्रता से उज्जिय्याह को मन्दिर से बाहर जाने को विवश किया। उज्जिय्याह ने स्वयं शीघ्रता की, क्योंकि यहोवा ने उसे दण्ड दे दिया था।
“इसके बाद उस व्यक्ति को अपने वस्त्र धोने चाहिए। उसे अपने सारे बाल काट डालने चाहिए और पानी से नहाना चाहिए। वह शुद्ध हो जाएगा। तब वह व्यक्ति डेरे में जा सकेगा। किन्तु उस अपने खेमे के बाहर सात दिन तक रहना चाहिए।
अतः इस्राएल के लोगों ने परमेश्वर का आदेश माना। उन्होंने उन लोगों को डेरे के बाहर भेज दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।