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क्रॉस रेफरेंस
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2 इतिहास 20:21

पवित्र बाइबल

यहोशापात ने लोगों का सुझाव सुना। तब उसने यहोवा के लिये गायक चुने। वे गायक यहोवा की स्तुति के लिये चुने गए थे क्योंकि वह पवित्र और अद्भुत हैं। वे सेना के सामने कदम मिलाते हुए बढ़े और उन्होने यहोवा की स्तुति की। इन गायकों ने गाया, “परमेश्वर को धन्यवाद दो क्योंकि उसका प्रेम सदैव रहता है!”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

21 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा के प्रताप की स्तुति करो। उसके नाम को सम्मान दो। यहोवा को अपनी भेंटें चढ़ाओ, यहोवा और उसके पवित्र सौन्दर्य की उपासना करो।

अहा! यहोवा को धन्यवाद दो, वह अच्छा है। यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है।

हेमान और यदूतून तथा सभी अन्य लेवीवंशी यहोवा का स्तुतिगान करने के लिये नाम लेकर चुने गये थे क्योंकि यहोवा का प्रेम सदैव बना रहता है!

इस्राएल की सन्तानों ने यरूशलेम में अखमीरी रोटी का उत्सव सात दिन तक मनाया। वे बहुत प्रसन्न थे। लेवीवंशी और याजकों ने अपनी पूरी शक्ति से हर एक दिन यहोवा की स्तुति की।

जो तुरही बजा रहे थे और गा रहे थे, वे एक व्यक्ति की तरह थे। जब वे यहोवा की स्तुति करते थे और उसे धन्यवाद देते थे तब वे एक ही ध्वनि करते थे। तुरही, झाँझ तथा अन्य वाद्य यन्त्रों पर वे तीव्र घोष करते थे, उन्होंने यहोवा की स्तुति में यह गीत गया: “यहोवा की स्तुति करो क्योंकि वह भला है। उसका प्रेम शाश्वत है।” तब यहोवा का मन्दिर मेघ से भर उठा।

इस्राएल के सभी लोगों ने आकाश से आग को उतरते देखा। इस्राएल के लोगों ने मन्दिर पर भी यहोवा के तेज को देखा। उन्होंने अपने चेहरे को चबूतरे की फर्श तक झुकाया। उन्होंने यहोवा की उपासना की तथा उसे धन्यवाद दिया। उन्होंने गाया, “यहोवा भला है, और उसकी दया सदा रहती है।”

याजक अपना कार्य करने के लिये तैयार खड़े थे। लेवीवंशी भी यहोवा के संगीत के उपकरणों के साथ खड़े थे। ये उपकरण राजा दाऊद द्वारा यहोवा को धन्यवाद देने के लिये बनाए गए थे। याजक और लेवीवंशी कह रहे थे, “यहोवा का प्रेम सदैव रहता है!” जब लेवीवंशियों के दूसरी ओर याजक खड़े हुए तो याजकों ने अपनी तुरहियाँ बजाईं और इस्राएल के सभी लोग खड़े थे।

लोगों ने यरूशलेम की दीवार का समर्पण किया। उन्होंने सभी लेवियों को यरूशलेम में बुलाया। सो लेवी जिस किसी नगर में भी रह रहे थे, वहाँ से वे आये। यरूशलेम की दीवार के समर्पण को मनाने के लिए वे यरूशलेम आये। परमेश्वर को धन्यवाद देने और स्तुतिगीत गाने के लिए लेवीवंशी वहाँ आये। उन्होंने अपनी झाँझ, सारंगी और वीणाएँ बजाईं।

यहोवा की प्रशंसा करो! यहोवा का धन्यवाद करो क्योंकि वह उत्तम है! परमेश्वर का प्रेम सदा ही रहता है!

यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह उत्तम है। उसका प्रेम अमर है।

मेरे शत्रुओं ने मुझे मारने का यत्न किया। मैं चारों ओर मृत्यु की रस्सियों से घिरा हूँ! मुझ को अधर्म की बाढ़ ने भयभीत कर दिया।

यहोवा की प्रशंसा करो और उसके नाम को आदर प्रकट करो। विशेष वस्त्र पहनकर उसकी आराधना करो।

सिय्योन से परमेश्वर की सुन्दरता प्रकाशित हो रही है।

हमारे परमेश्वर, हमारे स्वमी, हम पर कृपालु हो। जो कुछ हम करते हैं तू उसमें सफलता दे।

यहोवा का उसके भव्य, मन्दिर में उपासना करो। अरे ओ पृथ्वी के मनुष्यों, यहोवा की उपासना करो।

जहाँ मार्ग दर्शन नहीं वहाँ राष्ट्र पतित होता, किन्तु बहुत सलाहकार विजय को सुनिश्चित करते हैं।

वहाँ सुख और आनन्द की किलोलें होंगी। वहाँ वर—वधु की उमंग भरी चुहल होगी। वहाँ यहोवा के मन्दिर में अपनी भेंट लाने वाले की मधुर वाणी होगी। वे लोग कहेंगे, सर्वशक्तिमान यहोवा की स्तुति करो! यहोवा दयालु है! यहोवा की दया सदा बनी रहती है! लोग ये बातें कहेंगे क्योंकि मैं फिर यहूदा के लिये अच्छे काम करुँगा। यह वैसा ही होगा जैसा आरम्भ में था।” ये बातें यहोवा ने कही।




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