यह मन्दिर नष्ट कर दिया जायेगा। हर एक व्यक्ति जो इसे देखेगा चकित होगा। वे पूछेंगे, ‘यहोवा ने इस देश के प्रति और इस मन्दिर के लिये इतना भयंकर कदम क्यों उठाया’
मैंने एक लाख पच्चीस हज़ार बुशल गेहूँ भोजन के लिये, एक लाख पच्चीस हजार बुशल जौ, एक लाख पन्द्रह हजार गैलन दाखमधु और एक लाख पन्द्रह हज़ार गैलन तेल तुम्हारे उन सेवकों के लिये दिया है जो इमारती लकड़ी के लिये पेड़ों को काटते हैं।”
मेरे पास लबानोन देश से देवदार, चीड़ और चन्दन और सनोवर की लकड़ियाँ भी भेजो। मैं जानता हूँ कि तुम्हारे सेवक लबानोन से पेड़ों को काटने में अनुभवी हैं। मेरे सेवक तुम्हारे सेवकों की सहायता करेंगे।