आसा ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा और कहा, “यहोवा, केवल तू ही बलवान लोगों के विरुद्ध कमजोर लोगों की सहायता कर सकता है! हे मेरे यहोवा परमेश्वर हमारी सहायता कर! हम तुझ पर आश्रित हैं। हम तेरे नाम पर इस विशाल सेना से युद्ध करते हैं। हे यहोवा, तू हमारा परमेश्वर है! अपने विरुद्ध किसी को जीतने न दे!”
अश्शूर के राजा के पास केवल व्यक्ति हैं। किन्तु हम लोगों के साथ यहोवा, अपना परमेश्वर है। हमारा परमेश्वर हमारी सहायता करेगा। वह हमारा युद्ध स्वयं लड़ेगा।” इस प्रकार यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने लोगों को उत्साहित किया और उन्हें पहले से अधिक शक्तिशाली होने का अनुभव कराया।
“जब तुम अपने शत्रुओं के विरुद्ध युद्ध में जाओ, और अपनी सेना से अधिक घोड़े, रथ, व्यक्तियों को देखो, तो तुम्हें भयभीत नहीं होना चाहिए। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे साथ है और वही एक है जो तुम्हें मिस्र से बाहर निकाल लाया।
कुछ कनानी लोग सपत नगर में भी रहते थे। इसलिए यहूदा के लोग और शिमोन के परिवार समूह के लोगों ने उन कनानी लोगों पर आक्रमण किया। उन्होंने नगर को पूर्णत: नष्ट कर दिया। इसलिये उन्होंने नगर का नाम होर्मा रखा।
योनातान ने अपने उस युवक सहायक से कहा जो उस के शस्त्र को ले चलता था, “आओ, हम उन विदेशियों के डेरे में चले। संभव है यहोवा हम लोगों का उपयोग इन लोगों को पराजित करने में करे। यहोवा को कोई नहीं रोक सकता इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता है कि हमारे पास बहुत से सैनिक हैं या थोड़े से सैनिक।”
दाऊद ने पलिश्ती (गोलियत) से कहा, “तुम मेरे पास तलवार, बर्छा और भाला चलाने आये हो। किन्तु मैं तुम्हारे पास इस्राएल की सेना के परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा के नाम पर आया हूँ। तुमने उसके विरुद्ध बुरी बातें कहीं हैं।