सो लोग बाहर गये और उन—उन पेड़ों की टहनियाँ ले आये और फिर उन टहनियों से उन्होंने अपने लिये अस्थायी झोपड़ियाँ बना लीं। अपने घर की छतों पर और अपने—अपने आँगनों में उन्होंने झोपड़ियाँ डाल लीं। उन्होंने मन्दिर के आँगन जल—द्वार के निकट के खुले चौक और एप्रैम द्वार के निकट झोपड़ियाँ बना लीं।
‘यरूशलेम के घर तथा राजा के महल इतने गन्दे होंगे जितना यह स्थान तोपेत है। राजा के महल इस स्थान तोपेत की तरह बरबाद होंगे। क्यों क्योंकि लोगों ने उन घरों की छत पर असत्य देवताओं की पूजा की। उन्होंने ग्रह—नक्षत्रों की पूजा की और उनके सम्मान में बलि जलाई। उन्होंने असत्य देवताओं को पेय भेंट दी।’”
मैं अँधेरे में जो कुछ तुमसे कहता हूँ, मैं चाहता हूँ, उसे तुम उजाले में कहो। मैंने जो कुछ तुम्हारे कानों में कहा है, तुम उसकी मकान की छतों पर चढ़कर, घोषणा करो।
किन्तु भीड़ के कारण उसे भीतर लाने का रास्ता न पाते हुए वे ऊपर छत पर जा चढ़े और उन्होंने उसे उसके बिस्तर समेत छत के बीचोबीच से खपरेल हटाकर यीशु के सामने उतार दिया।
“जब तुम कोई नया घर बनाओ तो तुम्हें अपनी छत के चारों ओर दीवार खड़ी करनी चाहिए। तब तुम किसी व्यक्ति की मृत्यु के आपराधी नहीं होओगे यदि वह उस छत पर से गिरता है।
अगली सुबह सवेरे, शमूएल ने शाऊल को छत पर जोर से पुकारा। शमूएल ने कहा, “उठो। मैं तुम्हें तुम्हारे रास्ते पर भेजूँगा।” शाऊल उठा, और शमूएल के साथ घर से बाहर चल पड़ा।