एली ने शमूएल से कहा, “बिस्तर में जाओ। यदि वह तुम्हें फिर बुलाता है तो कहो, ‘यहोवा बोल! मैं तेरा सेवक हूँ और सुन रहा हूँ।’” सो शमूएल बिस्तर में चला गया।
जो परमेश्वर ने कहा, मैंने उस पर कान दिया। यहोवा ने कहा कि उसके भक्तों के लिये वहाँ शांति होगी। यदि वे अपने जीवन की मूर्खता की राह पर नहीं लौटेंगे तो वे शांति को पायेंगे।
तब लोगों ने मूसा से कहा, “यदि तुम हम लोगों से कुछ कहना चाहोगे तो हम लोग सुनेंगे। किन्तु परमेश्वर को हम लोगों से बात न करने दो। यदि यह होगा तो हम लोग मर जाएंगे।”
फिर वह बोला, “दानिय्येल, डर मत। परमेश्वर तुझे बहुत प्रेम करता है। तुझे शांति प्राप्त हो। अब तू सुदृढ़ हो जा! सुदृढ़ हो जा!” उसने मुझसे जब बात की तो मैं और अधिक बलशाली हो गया। फिर मैंने उससे कहा, “प्रभु! आपने तो मुझे शक्ति दे दी है। अब आप बाल सकते हैं।”
उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “मैं शत्रु नहीं हूँ। मैं यहोवा की सेना का एक सेनापति हूँ। मैं अभी—अभी तुम्हारे पास आया हूँ।” तब यहोशू ने अपना सिर भूमि तक झुकाया। यह उसने सम्मान प्रकट करने के लिए किया। उसने पूछा, “क्या मेरे स्वामी का मुझ दास के लिए कोई आदेश है?”
यहोवा ने शमूएल को तीसरी बार बुलाया। शमूएल फिर उठा और एली के पास गया। शमूएल ने कहा, “मैं आ गया। आपने मुझे बुलाया।” तब एली ने समझा कि यहोवा लड़के को बुला रहा है।