इसलिए मैं विनती करता हूँ कि जो भेंट मैं देता हूँ उसे भी स्वीकार करो। परमेश्वर मेरे ऊपर बहुत कृपालु रहा है। मेरे पास अपनी आवश्यकता से अधिक है।” इस प्रकार याकूब ने एसाव से भेंट स्वीकार करने को विनती की। इसलिए एसाव ने भेंट स्वीकार की।
राजा दाऊद ने सीबा से कहा, “ये चीजें किस लिये हैं?” सीबा ने उतत्र दिया, “खच्चर राजा के परिवार की सवारी के लिये है। रोटी और ग्रीष्म फल सेवकों को खाने के लिये हैं और यदि कोई व्यक्ति मरुभूमि में कमजोरी महसूस करे तो वह दाखमधु पी सकेगा।”
नामान और उसका सारा समूह परमेश्वर के जन (एलीशा) के पास आया। वह एलीशा के सामने खड़ा हुआ और उससे कहा, “देखिये, अब मैं समझता हूँ कि इस्राएल के अतिरिक्त पृथ्वी पर कहीं परमेश्वर नहीं है! अब कृपया मेरी भेंट स्वीकार करें!”
इसलिए मैंने भाईयों से यह कहना आवश्यक समझा कि वे हमसे पहले ही तुम्हारे पास जायें और जिन उपहारों को देने का तुम पहले ही वचन दे चुके हो उन्हें पहले ही से उदारतापूर्वक तैयार रखें। इसलिए यह दान स्वेच्छापूर्वक तैयार रखा जाये न कि दबाव के साथ तुमसे छीनी गयी किसी वस्तु के रूप में।
केदेश नगर में बाराक ने जबूलून और नप्ताली के परिवार समूहों को एक साथ बुलाया। बाराक ने उन परिवार समूहों को एक साथ बुलाया। बाराक ने उन परिवार समूहों से, अपने साथ चलने के लिये दस हजार व्यक्तियों को इकट्ठा किया। दबोरा भी बाराक के साथ गई।
दाऊद सिकलग में आया। तब उसने उन चीजों में से, जो अमालेकियों से ली थीं, कुछ को अपने मित्रों यहूदा नगर के प्रमुखों के लिये भेजा। दाऊद ने कहा, “ये भेटें आप लोगों के लिये उन चीज़ों में से हैं जिन्हें हम लोगों ने यहोवा के शत्रुओं से प्राप्त कीं।”