तब यहूदा यूसुफ के पास गया और उसने कहा, “महोदय, कृपाकर मुझे स्वयं स्पष्ट कह लेने दें। कृपा कर मुझ से अप्रसन्न न हों। मैं जानता हूँ कि आप स्वयं फ़िरौन जैसे हैं।
योआब उस स्त्री के पास बात करने गया। उस स्त्री ने पूछा, “क्या तुम योआब हो?” योआब ने उत्तर दिया, “हाँ, मैं हूँ।” तब उस स्त्री ने योआब से कहा, “मैं जो कहूँ सुनो।” योआब ने कहा, “मैं सुन रहा हूँ।”
तब एस्तेर ने राजा से फिर कहा और वह राजा के पैरों में गिर कर रोने लगी। उसने राजा से प्रार्थना की कि वह अगागी हामान की उस बुरी योजना को समाप्त कर दे जिसे हामान ने यहूदियों के नाश के लिए सोचा था।
मैंने उन व्यक्तियों को नहीं देखा जिन्हें आपने भेजा। मान्यवर, उस नालायक आदमी (नाबाल) पर ध्यान न दें। वह ठीक वही है जैसा उसका नाम है। उसके नाम का अर्थ ‘मूर्ख’ है और वह सचमुच मूर्ख ही है।
अपराध करने के लिये मुझे क्षमा करें। मैं जानती हूँ कि यहोवा आपके परिवार को शक्तिशाली बनायेगा, आपके परिवार से अनेक राजा होंगे। यहोवा यह करेगा क्योंकि आप उसके लिये युद्ध लड़ते हैं। लोग तब आप में कभी बुराई नहीं पाएंगे जब तक आप जीवित रहेंगे।