अबीगैल ने शीघ्रता की और दो सौ रोटियाँ, दाखमधु की दो भरी मशकें, पाँच पकी भेड़ें, लगभग एक बुशल पका अन्न, दो र्क्वाट मुनक्के और दो सौ सूखे अंजीर की टिकियाँ लीं। उसने उन्हें गधों पर लादा।
दाऊद जैतून पर्वत की चोटी पर थोड़ी दूर चला। वहाँ मपीबोशेत का सेवक सीबा, दाऊद से मिला। सीबा के पास काठी सहित दो खच्चर थे। खच्चरों पर दो सौ रोटियाँ, सौ किशमिश के गुच्छे, सौ ग्रीष्मफल और दाखमधु से भरी एक मशक थी।
जहाँ इस्सकार, जबूलून, और नप्ताली के समूह रहते थे, उस क्षेत्र से भी उनके पड़ोसी गधे, ऊँट, खच्चर, और गायों पर भोजन लेकर आये। वे बहुत सा आटा, अंजीर—पूड़े, रेशिन, दाखमधु, तेल, गाय बैल और भेड़ें लाए। इस्राएल में लोग बहुत खुश थे।
“तेरा शत्रु तुझे न्यायालय में ले जाता हुआ जब रास्ते में ही हो, तू झटपट उसे अपना मित्र बना ले कहीं वह तुझे न्यायी को न सौंप दे और फिर न्यायी सिपाही को, जो तुझे जेल में डाल देगा।
अब इस विषय में सोचो और निर्णय करो कि तुम क्या कर सकती हो। नाबाल ने जो कुछ कहा वह मूर्खतापूर्ण था। हमारे स्वामी (नाबाल) और उनके सारे परिवार के लिये भयंकर आपत्ति आ रही है।”
निश्चय ही, जैसे ईस्राएल का परमेश्वर, यहोवा शाश्वत है, यदि तुम शीघ्रता से मुझसे मिलने न आई होती तो कल सवेरे तक नाबाल के परिवार का कोई भी पुरूष जीवित नहीं बच पाता।”