इस जीवन में जो भी कुछ घटित होता है उसमें सबसे बुरी बात यह है कि सभी लोगों का अन्त एक ही तरह से होता है। साथ ही यह भी बहुत बुरी बात है कि लोग जीवन भर सदा ही बुरे और मूर्खतापूर्ण विचारों में पड़े रहते हैं और अन्त में मर जाते हैं।
पिलातुस ने उनसे तीसरी बार पूछा, “किन्तु इस व्यक्ति ने क्या अपराध किया है? मुझे इसके विरोध में कुछ नहीं मिला है जो इसे मृत्यु दण्ड का भागी बनाये। इसलिये मैं कोड़े लगवाकर इसे छोड़ दूँगा।”
योनातान ने अपने पिता शाऊल से बातें कीं। योनातान ने दाऊद के बारे में अच्छी बातें कहीं। योनातान ने कहा, “आप राजा हैं। दाऊद आपका सेवक है। दाऊद ने आपको कोई हानि नहीं पहुँचाई है। इसलिए उसके साथ कुछ बुरा न करें। दाऊद सदा आपके प्रति अच्छा रहा है।
दाऊद अपने जीवन पर खेला था जब उसने पलिश्ती (गोलियत) को मारा था। यहोवा ने सारे इस्राएल के लिये एक बड़ी विजय प्राप्त की थी। आपने उसे देखा और आप उस पर बड़े प्रसन्न थे। आप दाऊद को हानि क्यों पहुँचाना चाहते हैं? वह निरपराध है। उसे मार डालने का कोई कारण नहीं है!”
दाऊद रामा के निकट के डेरे से भाग गया। दाऊद योनातान के पास पहुँचा और उससे पूछा, “मैंने कौन सी गलती की है? मेरा अपराध क्या है? तुम्हारा पिता मुझे मारने का प्रयत्न क्यों कर रहा है?”
अहीमेलेक ने उत्तर दिया, “दाऊद तुम्हारा बड़ा विश्वास पात्र है। तुम्हारे अधिकारियों में कोई उतना विश्वस्त नहीं है जितना दाऊद है। दाऊद तुम्हारा अपना दामाद है और दाऊद तुम्हारे अंगरक्षकों का नायक है। तुम्हारा अपना परिवार दाऊद का सम्मान करता है।