1 शमूएल 2:30पवित्र बाइबल“इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने यह वचन दिया था कि तुम्हारे पिता का परिवार ही सदा उसकी सेवा करेगा। किन्तु अब यहोवा यह कहता है, ‘वैसा कभी नहीं होगा! मैं उन लोगों का सम्मान करूँगा जो मेरा सम्मान करेंगे। किन्तु उनका बुरा होगा जो मेरा सम्मान करने से इनकार करते हैं। अध्याय देखें |
उन्होंने उजिय्याह से कहा कि तुम गलती कर रहे हो। उन्होंने उससे कहा, “उजिय्याह, यहोवा के लिये सुगन्धि जलाना तुम्हारा काम नहीं है। यह करना तुम्हारे लिये ठीक नहीं है। याजक और हारून के वंशज ही केवल यहोवा के लिये सुगन्धि जलाते हैं। इन याजकों को सुगन्धि जलाने की पवित्र सेवा के लिये प्रशिक्षण दिया गया है। सर्वाधिक पवित्र स्थान से बाहर निकल जाओ। तुम विश्वासयोग्य नहीं रहे हो। यहोवा परमेश्वर तुमको इसके लिये सम्मान नहीं देगा!”
हारून और उसके पुत्रों को इन वस्त्रों को ही पहनना चाहिए जब कभी वे मिलापवाले तम्बू में जाएं। उन्हें इन्हीं वस्त्रों को पहनना चाहिए जब कभी वे पवित्र स्थान में याजक के रूप में सेवा के लिए वेदी के समीप आएं। यदि वे इन पोशाकों को नहीं पहनेंगे, तो वे अपराध करेंगे और उन्हें मरना होगा। यह ऐसा नियम होना चाहिए जो हारून और उसके बाद उसके वंश के लोगों के लिए सदा के लिए बना रहेगा।”
अत: यहोवा जो कहता है वह यह है: नेहलामी परिवार के शमायाह को मैं शीघ्र दण्ड दूँगा। मैं उसके परिवार को पूरी तरह नष्ट कर दूँगा और मैं अपने लोगों के लिये जो अच्छा करूँगा उसमें उसका कोई भाग नहीं होगा।’” यह सन्देश यहोवा का है। “‘मैं शमायाह को दण्ड दूँगा क्योंकि उसने लोगों को यहोवा के विरुद्ध जाने की शिक्षा दी है।’”
सर्वशक्तिमान यहोवा ने कहा, “बच्चे अपने पिता का सम्मान करते हैं। सेवक अपने स्वामियों का सम्मान करते हैं। मैं तुम्हारा पिता हूँ, अत: तुम मेरा सम्मान क्यों नहीं करते? मैं तुम्हारा स्वामी हूँ, अत: तुम मेरा सम्मान क्यों नहीं करते याजकों, तुम मेरे नाम का सम्मान नहीं करते।” “किन्तु तुम कहते हो, ‘हमने क्या किया है, जो प्रकट करता है कि हम तेरे नाम का सम्मान नहीं करते?’”
तुम लोग वह माँस, महीने भर खाओगे। तुम लोग वह माँस तब तक खाओगे जब तक उससे ऊब नहीं जाओगे। यह होगा, क्योंकि तुम लोगों ने यहोवा के विरुद्ध शिकायत की है। यहोवा तुम लोगों में घूमता है और तुम्हारी आवश्यकताओं को समझता है। किन्तु तुम लोग उसके सामने रोए—चिल्लाए और शिकायत की है! तुम लोगों ने कहा, हम लोगों ने आखिर मिस्र छोड़ा ही क्यों”