शाऊल ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया। उसने उनसे कहा, “दाऊद से अकेले में बातें करो। कहो, ‘देखो, राजा तुमको पसन्द करता है। उसके अधिकारी तुमको पसन्द करते हैं। तुम्हें उसकी पुत्री से विवाह कर लेना चाहिये।’”
मेरे शत्रु सचमुच मीठा बोलते हैं, और सुशांति की बातें करते रहते हैं। किन्तु वास्तव में, वे युद्ध का कुचक्र रचते हैं। उनके शब्द काट करते छुरी की सी और फिसलन भरे हैं जैसे तेल होता है।
शाऊल ने सोचा, “मैं मीकल का उपयोग दाऊद को फँसाने के लिये करूँगा। मैं मीकल को दाऊद से विवाह करने दूँगा और तब मैं पलिश्तियों को इसे मार डालने दूँगा।” अत: शाऊल ने दाऊद से दूसरी बार कहा, “आज तुम मेरी पुत्री से विवाह कर सकते हो।”
शाऊल के अधिकारियों ने वे बाते दाऊद से कहीं। किन्तु दाऊद ने उत्तर दिया, “क्या तुम लोग समझते हो कि राजा का दामाद बनना सरल है? मेरे पास इतना धन नहीं कि राजा की पुत्री के लिये दे सकूँ। मैं तो एक साधारण गरीब व्यक्ति हूँ।”