पनीर की इन दस पिंडियों को भी एक हजार सैनिकों वाली अपने भाई की टुकड़ी के संचालक अधिकारी के लिये ले जाओ। देखो कि तुम्हारे भाई कैसे हैं। कुछ ऐसा लाओ जिससे मुझे पता चले कि तुम्हारे भाई ठीक—ठाक हैं।
यूसुफ के पिता ने कहा, “जाओ और देखो कि तुम्हारे भाई सुरक्षित हैं। लौटकर आओ और बताओ कि क्या मेरी भेड़ें ठीक हैं?” इस प्रकार यूसुफ के पिता ने उसे हेब्रोन की घाटी से शकेम को भेजा।
मोर्दकै जहाँ रनवास की स्त्रियाँ रहा करती थीं, वहाँ आसपास और आगे पीछे घूमा करता था। वह यह पता लगाना चाहता था कि एस्तेर कैसी है और उसके साथ क्या कुछ घट रहा है? इसीलिये वह ऐसा करता था।
इसलिए मूसा अपने ससुर से मिलने गया। मूसा उसके सामने झुका और उसे चूमा। दोनों लोगों ने एक दूसरे का कुशल क्षेम पूछा। तब वे मूसा के डेरे में और अधिक बातें करने गए।
कुछ दिनों बाद बरनाबास से पौलुस ने कहा, “आओ, जिन-जिन नगरों में हमनें प्रभु के वचन का प्रचार किया है, वहाँ अपने भाइयों के पास वापस चल कर यह देखें कि वे क्या कुछ कर रहे हैं।”
फिर यिशै ने शाऊल को भेंट करने के लिये कुछ चीजें तैयार कीं। यिशै ने एक गधा, कुछ रोटियाँ और एक मशक दाखमधु और एक बकरी का बच्चा लिया। यिशै ने वे चीज़ें दाऊद को दीं, और उसे शाऊल के पास भेज दिया।
दाऊद वहाँ आया जहाँ दो सौ व्यक्ति बसोर की घाटियों में ठहरे थे। ये वे व्यक्ति थे जो अत्याधिक थके और कमजोर थे। अत: दाऊद के साथ नहीं जा सके थे। वे लोग दाऊद और उन सैनिकों का स्वागत: करने बाहर आये जो उसके साथ गये थे। बसोर की घाटियों में ठहरे व्यक्तियों ने दाऊद और उसकी सेना को बधाई दी जैसे ही वे निकट आए।