पलिश्तियों ने अपनी सेना युद्ध के लिये इकट्ठी की। वे यहूदा स्थित सोको में युद्ध के लिये एकत्र हुए। उनका डेरा सोको और अजेका के बीच एपेसदम्मीम नामक नगर में था।
एलीआजर पसदम्मीम में दाऊद के साथ था। पलिश्ती लोग उस स्थान पर युद्ध करने आये। उस स्थान पर एक जौ से भरा खेत था। वही स्थान, जहाँ इस्राएली लोग पलिश्ती लोगों से भागे थे।
पलिश्ती लोगों ने भी पहाड़ी के नगरों और दक्षिण यहूदा पर आक्रमण किया। पलिश्ती लोगों ने बेतशेमेश, अय्यालोन, गदेरोत, सोको, तिम्ना और गिमजो नामक नगरों पर अधिकार कर लिया। उन्होंने उन नगरों के पास के गाँवों पर भी अधिकार कर लिया। तब उन नगरों में पलिशती रहने लगे।
यह उस समय हुआ जब बाबुल के राजा की सेना यरूशलेम के विरुद्ध लड़ रही थी। बाबुल की सेना यहूदा के उन नगरों के विरुद्ध भी लड़ रही थी जिन पर अधिकार नहीं हो सका था। वे लाकीश और अजेका नगर थे। वे ही केवल किलाबन्द नगर थे जो यहूदा प्रदेश में बचे थे।
पलिश्ती इस्राएल से लड़ने के लिए इकट्ठे हुए। पलिश्तियों के पास छ: हजार रथ और तीन हजार घुड़सवार थे। वहाँ इतने अधिक पलिश्तिी सैनिक थे जितने सागर तट पर बालू के कण। पलिश्तियों ने मिकमाश में डेरा डाला। (मिकमाश बेतावेन के पूर्व है।)
शाऊल अपने जीवन भर वीर रहा और पलिश्तियों के विरुद्ध दृढ़ता से लड़ा। शाऊल जब भी कभी किसी व्यक्ति को ऐसा वीर देखता जो शक्तिशाली होता तो वह उसे ले लेता और उसे उन सैनिकों की टुकड़ी में रखता जो उसके समीप रहते और उसकी रक्षा करते थे।
पलिश्तियों ने यह सुना कि इस्राएली मिस्पा में इकट्ठा हो रहे हैं। पलिश्ती शासक इस्राएलियों के विरूद्ध आक्रमण करने गये। इस्राएलियों ने सुना कि पलिश्ती आ रहे हैं, और वे डर गए।