इसलिए पोतीपर यूसुफ को पाकर बहुत प्रसन्न था। पोतीपर ने उसे अपने लिए काम करने तथा घर के प्रबन्ध में सहायता करने में लगाया। पोतीपर की अपनी हर एक चीज़ का यूसुफ अधिकारी था।
हे यहोवा, मैं अभिमानी नहीं हूँ। मैं महत्वपूर्ण होने का जतन नहीं करता हूँ। मैं वो काम करने का जतन नहीं करता हूँ जो मेरे लिये बहुत कठिन हैं। ऐसी उन बातों की मुझे चिंता नहीं है।
राजा नबूकदनेस्सर उन युवकों को प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में भोजन और दाखमधु दिया करता था। यह भोजन उसी प्रकार का होता था, जैसा स्वयं राजा खाया करता था। राजा की इच्छा थी कि इस्राएल के उन युवकों को तीन वर्ष तक प्रशिक्षण दिया जाये और फिर तीन वर्ष के बाद वे युवक बाबुल के राजा के सेवक बन जायें।
किन्तु तुम्हारा सहायक, नून का पुत्र यहोशू उस देश में जाएगा। यहोशू को उत्साहित करो, क्योंकि वही इस्राएल के लोगों को भूमि पर अपना अधिकार जामाने के लिए ले जाएगा।’