लोग कहेंगे, ‘नेकी और शक्ति बस यहोवा से मिलती है।’” कुछ लोग यहोवा से नाराज़ हैं, किन्तु यहोवा का साक्षी आयेगा और यहोवा ने जो किया है, उसे बतायेगा। इस प्रकार वे नाराज़ लोग निराश होंगे।
“‘मैं यहोवा हूँ। मैंने कहा, तुम्हें दण्ड मिलेगा, और मैं इसे दिलाऊँगा। मैं दण्ड को रोकूँगा नहीं। मैं तुम्हारे लिये दु:ख का अनुभव नहीं करूँगा। मैं तुम्हें उन बुरे पापों के लिये दण्ड दूँगा जो तुमने किये।’ मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा।”
परमेश्वर यहोवा सिय्योन से गरजेगा। वह यरूशलेम से गरजेगा। आकाश और धरती काँप—काँप जायेंगे किन्तु अपने लोगों के लिये परमेश्वर यहोवा शरणस्थल होगा। वह इस्राएल के लोगों का सुरक्षा स्थान बनेगा।
परमेश्वर मनुष्य नहीं है, वह झूठ नहीं बोलेगा; परमेश्वर मनुष्य पुत्र नहीं, उसके निर्णय बदलेंगे नहीं। यदि यहोवा कहता है कि वह कुछ करेगा तो वह अवश्य उसे करेगा। यदि यहोवा वचन देता है तो अपने वचन को अवश्य पूरा करेगा।
किन्तु उसने मुझसे कह दिया है, “तेरे लिये मेरा अनुग्रह पर्याप्त है क्योंकि निर्बलता में ही मेरी शक्ति सबसे अधिक होती है” इसलिए मैं अपनी निर्बलता पर प्रसन्नता के साथ गर्व करता हूँ। ताकि मसीह की शक्ति मुझ में रहे।
शाश्वत परमेश्वर तुम्हारी शरण सुरक्षित है। और तुम्हारे नीचे शाश्वत भुजाऐं हैं परमेश्वर जो बल से दूर हटाता शत्रु तुम्हारे, कहता है वह ‘नष्ट करो शत्रु को!’
वह मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूँ कि परमेश्वर के चुने हुओं को अनन्त जीवन की आस बँधे। परमेश्वर ने, जो कभी झूठ नहीं बोलता, अनादि काल से अनन्त जीवन का वचन दिया है।
तो फिर यहाँ दो बातें हैं-उसकी प्रतिज्ञा और उसकी शपथ-जो कभी नहीं बदल सकतीं और जिनके बारे में परमेश्वर कभी झूठ नहीं कह सकता। इसलिए हम जो परमेश्वर के निकट सुरक्षा पाने को आए हैं और जो आशा उसने हमें दी है, उसे थामे हुए हैं, अत्यधिक उत्साहित हैं।