“मुझसे पहले गिलगाल जाओ। मैं तुम्हारे पास उस स्थान पर आऊँगा। तब मैं होमबलि और मेलबलि चढ़ाऊँगा। किन्तु तुम्हें सात दिन प्रतीक्षा करनी होगी। तब मैं आऊँगा और बताऊँगा कि तुम्हें क्या करना है।”
अशदोदी के लोग अगली सुबह उठे। उन्होंने देखा कि दागोन मुँह के बल पड़ा है। दागोन यहोवा की सन्दूक के सामने गिरा पड़ा था। अशदोद के लोगों ने दागोन की मूर्ति को उसके पूर्व—स्थान पर रखा।
शमूएल एक स्थान से दूसरे स्थान तक इस्राएल के लोगों का न्याय करता हुआ गया। हर वर्ष उसने देश के चारों ओर यात्रा की। वह गिलगाल, बेतेल और मिस्पा को गया। अत: उसने इन सभी स्थानों पर इस्राएली लोगों का न्याय और उन पर शासन किया।