दाऊद ने हददेजेर से सत्रह सौ घुड़सवार सैनिक लिये। उसने बीस हजार पैदल सैनिक भी लिये। दाऊद ने एक सौ के अतिरिक्त, सभी रथ के अश्वों को लंगड़ा कर दिया। उसने इन सौ अश्व रथों को बचा लिया।
प्रत्येक महीने बारह जनपद शासकों में से एक सुलैमान को वे सब चीज़ें देता था जिसकी उसे आवश्यकता पड़ती थी। यह राजा के मेज पर खाने वाले हर एक व्यक्ति के लिये पर्याप्त होता था।
राजा सुलैमान ने वे नगर भी बनाये जहाँ वह अन्य और चीज़ों का भण्डार बना सकता था और उसने अपने रथों और घोड़ों के लिये भी स्थान बनाये। सुलैमान ने अन्य बहुत सी चीज़ें भी बनाईं जिन्हें वह यरूशलेम, लबानोन और अपने शासित अन्य सभी स्थानों में चाहता था।
सुलैमान ने घोड़े और रथ अपनी सेना के लिये एकत्रित करना आरम्भ किया। सुलैमान के पास एक हज़ार चार सौ रथ और बारह हज़ार घुड़सवार थे। सुलैमान ने उनको रथ नगरों में रखा। सुलैमान ने यरूशलेम में भी उनमें से कुछ को रखा, अर्थात वहाँ जहाँ राजा का निवास था।
सुलैमान के पास चार हज़ार घोड़ों और रथों को रखने के लिये अस्तबल थे। उसके पास बारह हज़ार सारथी थे। सुलैमान उन्हें रथों के लिये विशेष नगरों में रखता था और यरूशलेम में अपने पास रखता था।
राजा को अत्यधिक घोड़े अपने लिए नहीं रखने चाहिए और उसे लोगों को अधिक घोड़े लाने के लिए मिस्र नहीं भेजना चाहिए। क्यों? क्योंकि तुमसे यहोवा ने कहा है, ‘तुम्हें उस रास्ते पर कभी नहीं लौटना है।’