बनायाह यहोवा के तम्बू में गया और योआब से कहा, “राजा कहते हैं, ‘बाहर आओ!’” किन्तु योआब ने उत्तर दिया, “नहीं मैं यहीं मरूँगा।” अत: बनायाह राजा के पास वापस गया और उससे वही कहा जो योआब ने कहा था।
तब राजा ने बनायाह को आदेश दिया, “वैसा ही करो जैसा वह कहता है। उसे वहीं मार डालो। तब उसे दफना दो। तब हमारा परिवार और हम योआब के दोष से मुक्त होंगे। यह अपराध इसलिये हुआ कि योआब ने निरपराध लोगों को मारा था।
किन्तु कोई व्यक्ति यदि किसी व्यक्ति के प्रति क्रोध या घृणा रखने के कारण उसे मारने की योजना बनाए तो हत्यारे को दण्ड अवश्य मिलना चाहिए। उसे मेरी वेदी से दूर ले जाओ और उसे मार डालो।”
क्योंकि परमेश्वर के अपने परिवार से ही आरम्भ होकर न्याय प्रारम्भ करने का समय आ पहुँचा है। और यदि यह हमसे ही प्रारम्भ होता है तो जिन्होंने परमेश्वर के सुसमाचार का पालन नहीं किया है, उनका परिणाम क्या होगा?