किन्तु ओम्री के अनुयायी गीनत के पुत्र तिब्नी के अनुयायियों से अधिक शक्तिशाली थे। अत: तिब्नी मारा गया और ओम्री राजा हुआ।
इस्राएली लोग दो दलों में बँट गये थे। आधे लोग गीनत के पुत्र तिब्नी का अनुसरण करते थे और उसे राजा बनाना चाहते थे। अन्य आधे लोग ओम्री के अनुयायी थे।
यहूदा पर आसा के राज्यकाल के इकतीसवें वर्ष में ओम्री इस्राएल का राजा हुआ। ओम्री ने इस्राएल पर बारह वर्ष तक शासन किया। उन वर्षों में से छ: वर्षों तक उसने तिर्सा नगर में शासन किया।
शासन आरम्भ करने के समय अहज्याह बाईस वर्ष का था। उसने यरूशलेम में एक वर्ष शासन किया। उसकी माँ का नाम अतल्याह था। वह इस्राएल के राजा ओम्री की पुत्री थी।
वे सारे लोग भभकते हुये भाड़ से हैं, उन्होंने अपने राजाओं को नष्ट किया था। उनके सब शासको का पतन हुआ था। उनमें से कोई भी मेरी शरण में नहीं आया था।”