राजा यारोबाम ने अन्य बहुत से काम किये। उसने युद्ध किये और लोगों पर शासन करता रहा। उसने जो कुछ किया वह सब इस्राएल के राजाओं के इतिहास नामक पुस्तक में लिखा हुआ है।
इस्राएल के राजाओं के इतिहास नामक पुस्तक में जिम्री के गुप्त षड़यन्त्र और अन्य बातें लिखी हैं और जब जिम्री राजा एला के विरुद्ध हुआ, उस समय की घटनायें भी उसमें लिखी हैं।
अपने राज्यकाल में अहाब ने जो कुछ किया वह इस्राएल के राजाओं के इतिहास नामक पुस्तक में लिखा है। उसी पुस्तक में राजा ने अपने महल को अधिक सुन्दर बनाने के लिये जिस हाथी—दाँत का उपयोग किया था, उसके बारे में कहा गया है और उस पुस्तक में उन नगरों के बारे में भी लिखा गया है जिसे उसने बनाया था।
यारोबाम ने जो बड़े काम किये वे इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं। उसमें इस्राएल के लिये दमिश्क और हमात को यारोबाम द्वारा वापस जीत लेने की कथा सम्मिलित है। (पहले ये नगर यहूदा के अधिपत्य में थे।)
सरूयाह के पुत्र योआब ने लोगों को गिनना आरम्भ किया। किन्तु उसने गणना को पूरा नहीं किया। परमेश्वर इस्राएल के लोगों पर क्रोधित हो गया। यही कारण है कि लोगों की संख्या राजा दाऊद के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखी गई।
इस्रएल के लोगों के नाम उनके परिवार के इतिहास में अंकित थे। वे परिवार इस्राएल के राजाओं के इतिहास में रखे गए थे। यहूदा के लोग बन्दी बनाए गए थे और बाबेल को जाने को विवश किये गये थे। वे उस स्थान पर इसलिये ले जाए गए, क्योंकि वे परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य नहीं थे।
यहोशापात ने आरम्भ से अन्त तक जो कुछ किया वह येहू की रचनाओं में लिखा है। येहू के पिता का नाम हनानी था। ये बातें इस्राएल के राजाओं के इतिहास नामक पुस्तक में लिखी हुई हैं।
मनश्शे ने जो कुछ अन्य किया और उसकी परमेश्वर से प्रार्थनाऐं और उन दृष्टाओं के कथन जिन्होंने इस्राएल के यहोवा परमेश्वर के नाम पर उससे बातें की थीं, वे सभी इस्राएल के राजा नामक पुस्तक में लिखी हैं।
उस रात राजा सो नहीं पाया। सो उसने अपने एक दास से इतिहास की पुस्तक लाकर अपने सामने उसे पढ़ने को कहा। (राजाओं के इतिहास की पुस्तक में वह सब कुछ अंकित रहता है जो एक राजा के शासनकाल के दौरान घटित होता है।)