बेतेल नगर में एक वृद्ध नबी रहता था। उसके पुत्र आए और उन्होंने उसे बताया कि परमेश्वर के व्यक्ति ने बेतेल में क्या किया। उन्होंने अपने पिता से वह भी कहा जो परमेश्वर के व्यक्ति ने राजा यारोबाम से कहा था।
कुछ अन्य व्यक्ति उस सड़क से यात्रा कर रहे थे। उन्होंने शव को देखा और शव के पास सिंह को खड़ा देखा। वे व्यक्ति उस नगर को आए जहाँ नबी रहता था और वहाँ वह बताया जो उन्होंने सड़क पर देखा था।
योशिय्याह ने कहा, “परमेश्वर के जन को अकेला छोड़ दो। उसकी हडिड्यों को मत हटाओ।” अत: उन्होंने हडिड्याँ छोड़ दीं, और साथ ही शोमरोन से आये परमेश्वर के जन की हडिड्याँ भी छोड़ दीं।
“ये सब कुछ इस्राएल के झूठे नबियों के लिये होगा। वे नबी यरूशलेम के लोगों से बातचीत करते हैं। वे नबी कहते हैं कि शान्ति होगी, किन्तु कोई शान्ति नहीं हैं।” मेरे स्वामी यहोवा ने उन बातों को कहा।
“मनुष्य के पुत्र, तुम्हें इस्राएल के नबियों से मेरे लिये बातें करनी चाहिये। वे नबी वास्तव में मेरे लिये बातें नहीं कर रहे हैं। वे नबी वही कुछ कह रहे हैं जो वे कहना चाहतें हैं।” इसलिये तुम्हें उनसे बातें करनी चाहियें। उनसे ये बातें कहो, यहोवा के यहाँ से मिले इस वचन को सुनो!
बिलाम ने मरुभूमि के पार तक देखा और इस्राएल के सभी लोगों को देख लिया। वे अपने अलग—अलग परिवार समूहों के क्षेत्र में डेरा डाले हुए थे। तब परमेश्वर ने बिलाम को प्रेरित किया।
उस महान दिन बहुत से मुझसे पूछेंगे ‘प्रभु! हे प्रभु! क्या हमने तेरे नाम से भविष्यवाणी नहीं की? क्या तेरे नाम से हमने दुष्टात्माएँ नहीं निकालीं और क्या हमने तेरे नाम से बहुत से आश्चर्य कर्म नहीं किये?’
जो लोग शाऊल को पहले से जानते थे उन्होंने नबियों के साथ उसे भविष्यवाणी करते देखा। वे लोग आपस में पूछ ताछ करने लगे, “कीश के पुत्र को क्या हो गया है? क्या शाऊल नबियों में से एक है?”