अत: वे तुम्हारे पास वैसे ही आते हैं जैसे वे मेरे लोग हों। वे तुम्हारे सामने मेरे लोगों की तरह बैठेंगे। वे तुम्हारा सन्देश सुनेंगे। किन्तु वे वह नहीं करेंगे जो तुम कहोगे। वे केवल वह करना चाहते हैं जो अनुभव करने में अच्छा हो। वे लोगों को धोखा देना चाहते हैं और अधिक धन कमाना चाहते हैं।
किन्तु भाईयों, तुम्हें परमेश्वर ने स्वतन्त्र रहने को चुना है। किन्तु उस स्वतन्त्रता को अपने आप पूर्ण स्वभाव की पूर्ति का साधन मत बनने दो, इसके विपरीत प्रेम के कारण परस्पर एक दूसरे की सेवा करो।
प्रार्थना करते हुए हम सदा तुम्हारे उस काम की याद करते हैं जो फल है, विश्वास का, प्रेम से पैदा हुए तुम्हारे कठिन परिश्रम का, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा से उत्पन्न तुम्हारी धैर्यपूर्ण सहनशीलता का हमें सदा ध्यान बना रहता है।
अब देखो जब तुमने सत्य का पालन करते हुए, सच्चे भाईचारे के प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए अपने आत्मा को पवित्र कर लिया है तो पवित्र मन से तीव्रता के साथ परस्पर प्रेम करने को अपना लक्ष्य बना लो।
मेरे प्यारे पुत्र-पुत्रियों, ये बातें मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ कि तुम पाप न करो। किन्तु यदि कोई पाप करता है तो परमेश्वर के सामने हमारे पापों का बचाव करने वाला एक है और वह है धर्मी यीशु मसीह।
मुझ बुजुर्ग की ओर से उस महिला को — जो परमेश्वर के द्वारा चुनी गयी है तथा उसके बालकों के नाम जिन्हें मैं सत्य के सहभागी व्यक्तियों के रूप में प्रेम करता हूँ। केवल मैं ही तुम्हें प्रेम नहीं करता हूँ, बल्कि वे सभी तुम्हें प्रेम करते हैं जो सत्य को जान गये हैं।