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क्रॉस रेफरेंस
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1 यूहन्ना 1:8

पवित्र बाइबल

यदि हम कहते हैं कि हममें कोई पाप नहीं है तो हम स्वयं अपने आपको छल रहे हैं और हममें सच्चाई नहीं है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

33 क्रॉस रेफरेंस  

“तेरे लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे। मैं इसे इसलिये जानता हूँ क्योंकि हर एक व्यक्ति पाप करता है और तू अपने लोगों पर क्रोधित होगा। तू उनके शत्रुओं को उन्हें हराने देगा। उनके शत्रु उन्हें बनदी बनाएंगे और उन्हें किसी बहुत दूर के देश में ले जाएंगे।

यशायाह ने पूछा, “उन्होंने तुम्हारे महल में क्या देखा है” हिजकिय्याह ने उत्तर दिया, “उन्होंने मेरे महल की सबी चीज़ें देखी हैं। मेरे खजानों में ऐसा कुछ नहीं है जिसे मैंने उन्हें न दिखाया हो।”

“लोग तेरे विरुद्ध पाप करेंगे—कोई ऐसा व्यक्ति नहीं जो पाप न करता हो और तू उन पर क्रोधित होगा। तू किसी शत्रु को उन्हें हराने देगा और उनसे पकड़े जाने देगा तथा बहुत दूर या निकट के देश में जाने पर मजबूर किये जाने देगा।

“किसी ऐसी वस्तु से जो स्वयं अस्वच्छ है स्वच्छ वस्तु कौन पा सकता है? कोई नहीं।

“सचमुच कोई मनुष्य पवित्र नहीं हो सकता। मनुष्य स्त्री से पैदा हुआ है, और धरती पर रहता है, अत: वह उचित नहीं हो सकता।

किन्तु सचमुच परमेश्वर के आगे कोई व्यक्ति उचित नहीं ठहर सकता है। कोई व्यक्ति जो स्त्री से उत्पन्न हुआ सचमुच निर्दोष नहीं हो सकता है।

“हाँ, मैं जानता हूँ कि तू सत्य कहता है किन्तु मनुष्य परमेश्वर के सामने निर्दोष कैसे हो सकता है?

तू मुझ पर अपने दास पर मुकदमा मत चला। क्योंकि कोई भी जीवित व्यक्ति तेरे सामने नेक नहीं ठहर सकता।

कौन कह सकता है “मैंने अपना हृदय पवित्र रखा है, मैं विशुद्ध, और पाप रहित हूँ।”

किन्तु उसके इतना करने के बाद भी हम सब भेड़ों की तरह इधर—उधर भटक गये। हममें से हर एक अपनी—अपनी राह चला गया। यहोवा द्वारा हमें हमारे अपराधों से मुक्त कर दिये जाने के बाद और हमारे अपराध को अपने सेवक से जोड़ देने पर भी हमने ऐसा किया।

हम सभी पाप से मैले हैं। हमारी सब नेकी पुराने गन्दे कपड़ों सी है। हम सूखे मुरझाये पत्तों से हैं। हमारे पापों ने हमें आँधी सा उड़ाया है।

किन्तु तुम फिर कहते रहते हो, ‘हम निरपराध हैं। परमेश्वर मुझ पर क्रोधित नहीं है।’ अत: मैं तुम्हें झूठ बोलने वाला अपराधी होने का भी निर्णय दूँगा। क्यों क्योंकि तुम कहते हो, “मैंने कुछ भी बुरा नहीं किया है।”

“यदि कभी चरमरोग व्यक्ति के सारे शरीर पर फैल जाए, वह चर्मरोग उस व्यक्ति के चरम को सिर से पाँव तक ढकले,

तुम अपने पिता शैतान की संतान हो। और तुम अपने पिता की इच्छा पर चलना चाहते हो। वह प्रारम्भ से ही एक हत्यारा था। और उसने सत्य का पक्ष कभी नहीं लिया। क्योंकि उसमें सत्य का कोई अंश तक नहीं है। जब वह झूठ बोलता है तो सहज भाव से बोलता है क्योंकि वह झूठा है और सभी झूठों को जन्म देता है।

शास्त्र कहता है: “कोई भी धर्मी नहीं, एक भी!

क्योंकि सभी ने पाप किये है और सभी परमेश्वर की महिमा से रहित है।

अपने आपको मत छलो। यदि तुममें से कोई यह सोचता है कि इस युग के अनुसार वह बुद्धिमान है तो उसे बस तथाकथित मूर्ख ही बने रहना चाहिये ताकि वह सचमुच बुद्धिमान बन जाये;

यदि कोई व्यक्ति महत्त्वपूर्ण न होते हुए भी अपने को महत्त्वपूर्ण समझता है तो वह अपने को धोखा देता है।

एवम् उन लोगों के बीच जिनकी बुद्धि बिगड़ गयी है, निरन्तर बने रहने वाले मतभेद पैदा होते हैं, वे सत्य से वंचित हैं। ऐसे लोगों का विचार है कि परमेश्वर की सेवा धन कमाने का ही एक साधन है।

किन्तु पापी और ठग दूसरों को छलते हुए तथा स्वयं छले जाते हुए बुरे से बुरे होते चले जायेंगे।

परमेश्वर की शिक्षा पर चलने वाले बनो, न कि केवल उसे सुनने वाले। यदि तुम केवल उसे सुनते भर हो तो तुम अपने आपको छल रहे हो।

यदि कोई सोचता है कि वह भक्त है और अपनी जीभ पर कस कर लगाम नहीं लगाता तो वह धोखे में है। उसकी भक्ति निरर्थक है।

मैं तुम्हें ऐसे इसलिए चेता रहा हूँ कि हम सबसे बहुत सी भूल होती ही रहती हैं। यदि कोई बोलने में कोई भी चूक न करे तो वह एक सिद्ध व्यक्ति है तो फिर ऐसा कौन है जो उस पर पूरी तरह काबू पा सकता है?

इन्हें बुराई का बदला बुराई से मिलेगा। दिन के प्रकाश में भोग-विलास करना इन्हें भाता है। ये लज्जापूर्ण धब्बे हैं। ये लोग जब तुम्हारे साथ उत्सवों में सम्मिलित होते हैं तो

यदि हम कहते हैं कि हमने कोई पाप नहीं किया तो हम परमेश्वर को झूठा बनाते हैं और उसका वचन हम में नहीं है।

यदि हम कहें कि हम उसके साझी हैं और पाप के अन्धकारपूर्ण जीवन को जीते रहे तो हम झूठ बोल रहे हैं और सत्य का अनुसरण नहीं कर रहे हैं।

यदि कोई कहता है कि, “मैं परमेश्वर को जानता हूँ!” और उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता तो वह झूठा है। उसके मन में सत्य नहीं है।

यदि कोई कहता है, “मैं परमेश्वर को प्रेम करता हूँ,” और अपने भाई से घृणा करता है तो वह झूठा है। क्योंकि अपने उस भाई को, जिसे उसने देखा है, जब वह प्रेम नहीं करता, तो परमेश्वर को जिसे उसने देखा ही नहीं है, वह प्रेम नहीं कर सकता।

वह उसी सत्य के कारण हुआ है जो हममें निवास करता है और जो सदा सदा हमारे साथ रहेगा।

जब हमारे कुछ भाईयों ने मेरे पास आकर सत्य के प्रति तुम्हारी निष्ठा के बारे में बताया तो मैं बहुत आनन्दित हुआ। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि तुम सत्य के मार्ग पर किस प्रकार चल रहे हो।




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